आज कल की भागदौड़ और तनावपूर्ण जीवनशैली के साथ फ़ास्ट फ़ूड के बढ़ते चलन के कारण एसिडिटी / Acidity या अम्लपित्त की समस्या तेजी से बढ़ रही हैं। पहले जो बीमारी केवल वृद्धो को होती थी आज बच्चे भी इस समस्या से पीड़ित मिल रहे हैं। कई प्रकार के उपचार और एहतियात के बाद भी एसिडिटी की समस्या जल्द छुटकारा नहीं मिलता हैं।
एसिडिटी का समय पर उपचार न करने पर पेट में अलसर का निर्माण होकर पेट में दर्द और खून की उलटी आना ऐसी समस्या निर्माण हो सकती हैं। ऐसी समस्या निर्माण होने से रोकने के लिए आपको समय पर एसिडिटी का इलाज शुरू कर देना चाहिए।
आयुर्वेदिक उपचार और पथ्य पालन के साथ एसिडिटी को कायम स्वरूपी ठीक किया जा सकता हैं। ऐसे ही कुछ उपयोगी आयुर्वेदिक उपचार की जानकारी निचे दी गयी हैं :
आयुर्वेदिक उपचार और पथ्य पालन के साथ एसिडिटी को कायम स्वरूपी ठीक किया जा सकता हैं। ऐसे ही कुछ उपयोगी आयुर्वेदिक उपचार की जानकारी निचे दी गयी हैं :
एसिडिटी का आयुर्वेदिक उपचार और घरेलु उपाय Acidity Home remedies in Hindi.
- आंवला - आंवला चूर्ण को एक महत्वपूर्ण औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता हैं। एसिडिटी की शिकायत होने पर सुबह-शाम खाने के बाद आंवला का चूर्ण लेना चाहिए।
- अदरक - अदरक के सेवन से एसिडिटी से छुटकारा मिल सकता हैं इसके लिए आपको अदरक को छोटे-छोटे टुकड़ों में बांटकर गर्म पानी में उबालना चाहिए और फिर उसका पानी छानकर ठंडा होने पर उपयोग करना चाहिए। आप अदरक की हर्बल चाय भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
- मुलेठी - मुलेठी का चूर्ण या इसका काढ़ा भी आपको एसिडिटी से निजात दिलाएंगा इतना ही नहीं गले की जलन भी इस काढ़े से ठीक हो सकती हैं।
- खुशखबर - अब बालों का झड़ना रोकना है आसान !
- नीम - नीम की छाल को पीसकर उसका चूर्ण बनाकर पानी के साथ लेने से एसिडिटी से निजात मिल सकती हैं। अगर आप यह चूर्ण नहीं लेना चाहते है तो नीम की छाल को भिगो दे और सुबह इसका पानी पिए।
- मनुक्का - मनुक्का और गुलकंद का नियमित सेवन एसिडिटी से सुरक्षा देता हैं इसके लिए आप मनुक्का को दूध में उबालकर ले सकते है या फिर गुलकंद के साथ दूध ले सकते हैं।
- त्रिफला चूर्ण - त्रिफला चूर्ण एसिडिटी की एक उत्तम औषधि हैं पानी के साथ त्रिफला चूर्ण सुबह शाम ले सकते है या फिर दूध के साथ भी त्रिफला चूर्ण ले सकते हैं।
- हरड़ - पेट में जलन और एसिडिटी को कम करने के लिए आप हरड का उपयोग कर सकते हैं।
- लहसुन - एसिडिटी हो या पेट की कोई अन्य बीमारी, लहसुन एक रामबाण उपाय है।
- मेथी - पेट में दर्द और जलन होने पर मेथी के पत्ते का इस्तेमाल करने से लाभ मिलता हैं।
- तुलसी - तुलसी के स्वच्छ और ताजे पत्ते रोजाना चबाने से भी एसिडिटी कम होती हैं।
- सौंफ - सौंफ भी पेट में जलन को ठीक करने के लिए सहायक सिद्ध होती हैं यह एक सौम्य रेचक है और शिशुओं और बच्चों की पाचन और एसिडिटी से जुडी समस्या को दूर करने के लिए मदद करती हैं।
- दूध - चाय और कॉफ़ी की जगह सुबह शाम दूध लेने से आप एसिडिटी से काफी हद तक निजात पा सकते हैं।
- जरूर पढ़े - गुनगुने पानी के साथ निम्बू और शहद लेने के फायदे !
- योग - औषधी और पथ्यपालन के साथ आप योग द्वारा भी एसिडिटी को कम कर सकते हैं। एसिडिटी कम करने के लिए निचे दिए योग का नियमित अभ्यास करना चाहिए। योग आसान की जानकारी पढ़ने के लिए उस आसान के नाम पर click करे।
- सूर्यनमस्कार
- वज्रासन
- पश्चिमोत्तानासन
- भुजंगासन
- त्रिकोणासन
- मकरासन
- उज्जयी प्राणायाम
- कपालभाति
- शीतली प्राणायाम
- शीतकारी प्राणायाम
- अन्य उपाय - एसिडिटी कम करने के लिए कुछ अन्य उपाय किये जा सकते है जैसे की -
- चाय, कॉफ़ी, अधिक तीखा मसालेदार आहार से परहेज करे।
- अधिक मात्रा में पानी पिए।
- पानी में निम्बू और मिश्री मिलाकर दोपहर खाने के पहले ले।
- तनावमुक्त रहे।
- नियमित व्यायाम करे।
- रोजाना पुदीने के रस का सेवन करे।
- हफ्ते में 3 बार नारियल का पानी सेवन करे।
- एसिडिटी कम करने के अन्य महत्वपूर्ण उपाय जानने के लिए यहाँ click करे - एसिडिटी कम करने के कुछ आसान और विशेष उपाय !
मैं यहाँ पर विशेष आभार देना चाहूंगा डॉ अमरीश राजवंशी का जिन्होंने आयुर्वेद से जुडी महत्वपूर्ण जानकारी यहाँ पर साझा की हैं।
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