शीतकारी प्राणायाम की विधि और फ़ायदे | Shitkari Pranayama in Hindi

shitkari pranayam steps and benefit in Hindi

‘शितकारी’ का अर्थ होता हैं – ऐसी चीज जो ठंडक पहुचाती हैं। यह प्राणायाम करने से शरीर और मन को ठंडक पहुचती हैं और इसी लिए इसे ‘शितकारी प्राणायाम’ (Shitkari Pranayama) कहा जाता हैं। शितली प्राणायाम की तरह, यह प्राणायाम भी बेहद सरल और उपयोगी प्राणायाम हैं।

खासकर गर्मी के दिनों में टेन और मन को ठंडा रखने के लिए यह प्राणायाम बेहद लाभकारी हैं। अगर आपको Acidity या High Blood Pressure की समस्या है तो आपको यह प्राणायाम अवश्य करना चाहिए।

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शितकारी प्राणायाम करने की विधि और इससे होनेवाले विविध लाभ संबंधी अधिक जानकारी निचे दी गयी हैं :

शीतकारी प्राणायाम कैसे करे ? (Shitkari pranayama steps in Hindi)

शीतकारी प्राणायाम करने का तरीक़ा नीचे बताया गया है :

  1. एक स्वच्छ, समान और सपाट जगह पर स्वच्छ और प्रदूषण रहित हवा मिलती हो ऐसे स्थान पर एक कपडा बिछाकर बैठ जाए। 
  2. आप अपने हिसाब से जो आसान आपको आरामदायक लगे उस आसन में बैठ जाए जैसे की पद्मासन या सुखासन ।
  3. मेरुदंड, गला तथा सिर को सीधा रखे। 
  4. ऊपर और निचे के दातों को परस्पर मिलाकर रखे। 
  5. जीभ को पीछे की ओर मोड़कर तालू से जीभ के अग्र भाग को लगा लें (खेचरी मुद्रा)। 
  6. अब दातों के बिच की जगह से श्वास धीरे-धीरे अन्दर लें। 
  7. श्वास अन्दर लेते समय ‘सीsss ‘ की आवाज करें। 
  8. अब श्वास को अन्दर रख जालंदर बंद लगा दे। (सिर को आगे की ओर झुकाकर जबड़े के आगे के हिस्से को छाती को लगाकर रखना)
  9. कुछ क्षणों बाद जालंदर बंद को मुक्त कर धीरे-धीरे दोनों नासिका से श्वास बाहार निकाले। (रेचक)
  10. यह एक आवृत्ति हैं। इसी तरह आप अपने क्षमता और समय अनुसार 9 आवृत्ति से 49 आवृत्ति तक कर सकते हैं।

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शीतकारी प्राणायाम कितने देर कर सकते है ?

शीतकारी प्राणायाम आपको अपने क्षमता के अनुसार करना चाहिए। शुरुआत में 9 आवृति से शुरू कर आप अभ्यास के साथ 49 आवृत्ति तक कर सकते है। कोई भी योग करते समय अपने योग शिक्षक की सलाह लेकर ही योग करना चाहिए।

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शीतकारी प्राणायाम के क्या फ़ायदे है ? (Shitkari Pranayam benefits in Hindi)

शीतकारी प्राणायाम का नियमित अभ्यास करने से नीचे बताये गये फ़ायदे होते है :

  1. गर्मी : शारीरिक गर्मी को कम करता हैं ।
  2. उत्तेजना : मानसिक और भावनात्मक उत्तेजनाओं को कम करता हैं। 
  3. नींद : इसे रात्रि में निद्रा के पूर्व करने से अच्छी शांत नींद आती हैं। 
  4. प्यास : प्यास को कम करता हैं। 
  5. भूक : भूक को कम करता हैं। भूक को control करने से मोटापा भी कम होता है। 
  6. ठंडक : गर्मी के दिनों में शरीर को ठंडक पहुचाने में सहायक हैं। 
  7. ब्लड प्रेशर : हाई ब्लड प्रेशर के रोगी इसके नियमित अभ्यास कर अपने बढ़े हुए ब्लड प्रेशर को 3 से 5 mmHg तक कम कर सकते है।
  8. एसिडिटि : Acidity / अम्लपित्त और पेट के ulcer को कम करता हैं। 
  9. हृदय रोगी : हृदयरोग में उपयोगी हैं। 
  10. पाचन : पाचन को ठीक करता हैं। इससे कब्ज की समस्या भी नहीं होती है।

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शीतकारी प्राणायाम में क्या सावधानी बरतनी चाहिए?

  • जिन लोगों के दांत टूटे हैं उनके लिए यह अभ्यास संभव नहीं हैं। वे शीतली प्राणायाम करे।
  • ठंड के दिनों में शीतकारी प्राणायाम का अभ्यास कम करना चाहिए।
  • टॉन्सिल, सर्दी, जुखाम, अस्थमा या जिन्हें ठंड से एलर्जी है उन्हें यह प्राणायाम नहीं करना चाहिए।
  • अगर आपको Low Blood Pressure की समस्या है या आपका ब्लड प्रेशर 90/60 mmHg या इससे कम रहता है तो शीतकारी प्राणायाम का अभ्यास न करे।

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शीतकारी प्राणायाम से जुड़े सवालों के जवाब

शीतकारी प्राणायाम कब करना चाहिए ?

शीतकारी प्राणायाम सुबह खाली पेट करना सबसे अच्छा होता है। इसके अलावा, आप इसे शाम को भोजन के 3-4 घंटे बाद भी कर सकते हैं।

क्या थाइरोइड में शीतकारी प्राणायाम करना चाहिए ?

हाँ, थाइरोइड में शीतकारी प्राणायाम करना फायदेमंद हो सकता है। यह प्राणायाम शरीर को ठंडा करने में मदद करता है, जो थाइरोइड हार्मोन के उत्पादन (Production) को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है।

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शीतकारी प्राणायाम कब नहीं करना चाहिए ?

शीतकारी प्राणायाम एक फायदेमंद प्राणायाम है, लेकिन कुछ स्थितियों में इसे करने से बचना चाहिए जैसे की अस्थमा, सर्दी, जुखाम, गर्भावस्था, खांसी, लो ब्लड प्रेशर या अधिक थकान होने पर।

क्या सर्दी में शीतकारी प्राणायाम कर सकते हैं ?

सर्दी में शीतकारी प्राणायाम करना सुरक्षित है, लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है। सर्दी में यह प्राणायाम कम करे, गर्म कपडे पहने, सांस लेने की गति धीमी रखे और सर्दी-जुखाम होने पर न करे।

शीतकारी प्राणायाम करने के बाद कौन सा प्राणायाम करे ?

शीतकारी प्राणायाम करने के बाद आप अनुलोम विलोम, उज्जायी, भ्रामरी, कपालभाति प्राणायाम या शवासन कर सकते हैं।

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शीतकारी प्राणायाम का नियमित अभ्यास कर आप शारीरिक ठंडक और मानसिक शांति का अनुभव कर सकते है जो कि आज कल के दौड़ भाग के जीवन में बेहद महत्वपूर्ण है। अगर आपको किसी भी योग या प्राणायाम से जुड़ा कोई सवाल है तो कृपया नीचे कमेंट में अवश्य पूछे।

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1 thought on “शीतकारी प्राणायाम की विधि और फ़ायदे | Shitkari Pranayama in Hindi”

  1. शितकारी प्राणायाम से सम्बंधित महत्वपूर्ण और व्यवहारिक जानकारी उपलब्ध कराई है आपने डॉक्टर साब !

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