फैटी लीवर का कारण, लक्षण, उपचार, घरेलु उपाय और योग | Fatty Liver in Hindi

fatty liver causes symptoms treatment in Hindi

लीवर में चयापचय (Metabolism) का मुख्य अंग है। Liver में ही फैट बनता है एवं लिवर की मदद से दूसरे अंगों तक फैट पहुंचता है। यह ब्लड में से भी फैट को निकालता है। हमारे लिवर में कुछ फैट सामान्यतः रहता है लेकिन अगर यह लीवर के वजन से 5% से 10% बढ़ जाए तो इसे Fatty Liver कहा जाता है। 

Fat याने Liver पर Glucose और Triglycerides (विशिष्ट प्रकार का Cholesterol) की अत्याधिक मात्रा जमा हो जाना। ज्यादा फैट लिवर की कार्यप्रणाली को धीमा कर देता हैं। यह एक परिवर्तनीय स्तिथि है। आजकल के बिगड़ते जीवनशैली के कारण कई लोगों में Fatty liver की समस्या पायी जाती हैं। 

Fatty liver क्या होता हैं और इसका उपचार कैसे किया जाता है इसकी जानकारी आज इस लेख में हम देने जा रहे हैं :

फैटी लीवर क्या होता हैं ? 

सामान्यतः Fatty Liver, यह समस्या शराब पिने वाले या मोटापे से पीडित व्यक्ति में अधिक होती है। फिर भी यह किसी भी सामान्य व्यक्ति मे भी हो सकती है। Liver में सामान्य से ज्यादा Fat जमा होने की स्तिथि को Fatty Liver कहा जाता हैं। साधारणता 10 में से एक व्यक्ति इस समस्या से प्रभावित होता है। 

फैटी लीवर के कितने प्रकार हैं ?

फैटी लिवर के दो प्रकार हैं।

A. Alcoholic Fatty Liver Disease (AFLD) : बहुत ज्यादा प्रमाण में शराब का सेवन करने वाले व्यक्तियों में यह पाया जाता है। कभी-कभी एक साथ बहुत अधिक मात्रा में ड्रिंक करने के तुरंत बाद भी इसे देख सकते हैं। यह अनुवांशिक भी हो सकता है। इसके अलावा ALD होने की दूसरी वजह यह भी हो सकती है, जैसे की :
अ) हेपेटाइटिस सी : इससे लीवर में सूजन आ सकती है
ब) Iron : शरीर में बहुत ज्यादा मात्रा में आयरन होना
क) मोटापा : अति मोटापा के कारण

B. Non Alcoholic Fatty Liver Disease (NAFLD) : इसमें liver की सेल्स को fat को तोड़ने में परेशानी होती है, जिस वजह से liver में अधिक मात्रा में fat जमा होता है। सामान्यतः liver में जमा fat का उपयोग हमारा शरीर आवश्यकतानुसार करता है पर जब यह fat अधिक होता है और उसका उपयोग कम होता है (आरामदायी जीवनशैली के कारण) तो यह Fatty Liver में बदल जाता है। इस प्रकार की कुछ खास वजह नहीं होती है। कई बार यह सदियों से पीढ़ियों में भी चलता है। कुछ अलग कारण यह भी हो सकते हैं। जैसे की :
1. कुछ विशिष्ट प्रकार की दवाइयां जैसे एस्पिरिन, स्टेरॉइड्स, टेट्रासाइक्लिंन आदि का
2.अतिसेवन
3. वायरल हिपेटाइटिस
4. ऑटोइम्यून ऑर इनहेरिटेड लीवर डिजीज
5. तेज गति से वजन कम होना
6. कुपोषण
7. व्यायाम ना करना
8. एक शोध के अनुसार छोटी आंत में बैक्टीरिया का प्रमाण अधिक होना या छोटी आंत में कुछ बदलाव होना भी फैटी लीवर को बढ़ावा देता है।
9. बदलती लाइफस्टाइल और अयोग्य आहार विहार की वजह से फैटी लीवर के मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है।
10. नॉन अल्कोहलिक फैटी लीवर डिसीज के 2 प्रकार किए जाते हैं।
11. Isolated Fatty Acids

NASH क्या होता हैं ?

Non Alcoholic Steato Hepatitis ( NASH ): NASH यह फैटी लीवर का एडवांस और डेंजर रूप है। इसमें लिवर सेल्स में फैट के साथ सूजन और डैमेज हो जाता है जिस वजह से सिरोसिस, ब्लीडिंग, लीवर फेलियर, लिवर कैंसर आदि कॉन्प्लिकेशन्स होते हैं।

क्या प्रेग्नन्सी मे फैटी लीवर हो सकता हैं ?

प्रेग्नन्सी मे फैटी लीवर यह प्रकार काफी कम देखा जाता हैं। मां और बच्चा दोनों के लिए यह खतरनाक होता है। दोनों में से किसी एक में लीवर या किडनी फेलियर भी हो सकता है। इस प्रकार में कई बार सीरियस इंफेक्शन या ब्लीडिंग होने की संभावना रहती है। प्रेगनेंसी में फैटी लीवर की कुछ खास वजह पता नहीं चली है पर हो सकता है यह हार्मोन में बदलाव के कारण होता हो। जैसे ही इसका निदान होता है, महिला की तुरंत डिलीवरी करनी चाहिए। पेशेंट को कुछ दिन इंटेंसिव केयर में रखने की जरूरत हो सकती है और कुछ हफ्तों में ही उसका लिवर सामान्य हो जाता है।

फैटी लीवर के लक्षण क्या हैं ?

कई बार हमें फैटी लीवर होता है पर इसका पता नहीं चलता। शुरुआत में कोई विशेष लक्षण नहीं दिखायी देते हैं, खासकर मध्यम अवस्था तक। कई बार तो बरसों बाद या गम्भीर अवस्था में कुछ ऐसे लक्षण सामने आ सकते हैं। जैसे की :
1. थकावट
2. वजन कम होना
3. भूक न लगना
4. कमजोरी
5. जी मचलना
6. अत्याधिक पसीना
7. संभ्रम / confusion
8. फैसला लेने में दिक्कत
9. एकाग्रता का अभाव आदि

कुछ दूसरे लक्षण भी देख सकते हैं। जैसे की :
1. लीवर की साइज बड़ी होना,
2. पेट के बीचमें या दाई और दर्द होना,  
3. गर्दन और आर्म्स के नीचे की त्वचा गहरे रंग की होना इत्यादि।

अगर आपको AFLD है तो इसमें बहुत ज्यादा ड्रिंक करने के बाद लक्षण बढ़ सकते हैं। धीरे-धीरे आपको सिरोसिस या (scarring of liver) लिवरक्षति हो सकता है, जिसमें आपके शरीर मे द्रव जमा होना, मांस पेशियों का अपक्षय (wasting of muscles), शरीर के अंदर रक्तस्त्राव , पीलीया (yellowish discoloration of eyes and skin) लीवर फेलियर आदि समस्याएं हो सकती है।

हमारे आहार द्वारा शरीर में आने वाले तथा खून में रहने वाले हानिकारक पदार्थों को liver detoxify करता है। अगर लीवर में फैट ज्यादा जमा हो जाए तो यह प्रक्रिया धीमी होती जाती है। लिवर नई कोशिकाएं बनाकर इस क्षति को पूरी करने की कोशिश करता है, लेकिन यह क्षति होती रहती है, जिससे लिवर पर कई जख्म हो जाते हैं जिसे सिरोसिस कहा जाता है। इस अवस्था की कोई चिकित्सा नही है। इसका एकमात्र इलाज लिवर ट्रांसप्लांट है।

फैटी लीवर का निदान कैसे किया जाता हैं ?

कई बार हम डॉक्टर द्वारा रुटीन चेकअप करवाते हैं या किसी और वजह से सोनोग्राफी होती है तो हमें Fatty Liver का पता चलता है, जब की शुरुआती अवस्था में हमें इसके कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं।

Fatty Liver का निदान में निचे दी गयी जांचे की जाती हैं :

1. खून जांच : Liver Profile Blood Test की जाती हैं। इस टेस्ट में Liver enzymes जैसे की SGPT या Bilirubin का प्रमाण ज्यादा होना फैटी लीवर की ओर इशारा करता है।
2. Sonography / CT Scan : सोनोग्राफी और एमआरआई की मदद से हम फैटी लीवर का निदान कर सकते हैं।
3. बॉयोप्सी : इसमें डॉक्टर द्वारा सुई की मदद से लीवर का छोटा नमूना लिया जाता हैं जिनकी बॉयोप्सी की जाती है, जिससे लीवर के फैट, इंफ्लामेशन , डैमेज सेल्स का पता चलता है।

फैटी लीवर का ईलाज कैसे किया जाता हैं ?

1. Fatty Liver के लिए कोई विशेष चिकित्सा नहीं है। अगर आपको ALD है और आप अधिक शराब पीते है तो आपको तुरंत शराब पीना बंद करना चाहिए, यही इसकी मुख्य चिकित्सा है। अगर नहीं किया तो धीरे-धीरे आपको Alcoholic Hepatitis या Cirrhosis हो सकता है जो कि एक गंभीर निशानी है।
2. अगर NALD है तो आपने शराब नहीं पीना चाहिए।
3. NASH पर बहुत सी दवाइयों का रिसर्च हुआ है लेकिन इस बीमारी को कम करने में कोई भी ड्रग परिणामकारक नहीं मिला है। NASH के साथ बहुत सी और बीमारियां जुड़ी होती है जैसे कि उच्च रक्तचाप, डिसलिपिडेमिया, मधुमेह आदि। उनकी चिकित्सा बीमारी के अनुसार करनी चाहिए। सामान्यतः आइसोलेटेड फैटी लीवर NASH में रूपांतरित होने के चान्सेस बहोत कम होते है।
4. अगर आपका वजन ज्यादा है, आप ओवरवेट हैं तो आपको इसे धीरे-धीरे कम करना चाहिए लेकिन एक हफ्ते में 1 से 2 पाउंड से अधिक वजन कम ना करें। मोटापा काम करने के उपाय जानने के लिए यहाँ क्लिक कर पढ़े – मोटापा कैसे कम करे ?
5. आपको एक संतुलित और स्वस्थ आहार लेना चाहिए। तला हुआ आहार, फ़ास्ट फ़ूड, चावल, आलू , ब्रेड, कॉर्न आदि को काफी कम कर देना चाहिए। अगर आप नॉनवेज लेते है तो इसे बंद कर दीजिए या कम कर दीजिए। उच्च कैलोरीयुक्त आहार से परहेज करें।
6. अधिक शुगर वाले ड्रिंक जैसे स्पोर्ट ड्रिंक जूस ना ले।
7. नियमित कसरत करें। कसरत में एरोबिक प्रकार की एक्सरसाइज को शामिल करें, जैसे चलना, दौड़ना, साइकिलिंग, स्विमिंग आदि जो आपके लिवर की आस पास की चर्बी को कम करने में मदद करेंगे।
8. फैटी लीवर में होने वाले दर्द के लिए आप बैठकर किए जाने वाले व्यायाम जैसे कर्ल्स, शोल्डर प्रेसेस, चेस्ट प्रेस आदि कर सकते है। यह पेट के न्यूनतम सहयोग द्वारा किए जानेवाले प्रतिरोधक व्यायाम है जिसमें बैठ कर या आधा लेट कर हाथों के द्वारा वजन उठाया जाता है।
9. अगर आपको डायबिटीज है तो उसकी योग्य चिकित्सा लेकर शुगर को नियंत्रण में रखे।
10. कई बार फैटी लीवर में बैरियाट्रिक सर्जरी भी करते हैं।
11. लिवर की समस्याओं के लिए आयुर्वेद में काफी अच्छी चिकित्सा होती है। आप चाहे तो किसी अच्छे आयुर्वेदिक डॉक्टर से उपचार करा सकते हैं।

फैटी लीवर का घरेलू आयुर्वेदिक ईलाज कैसे किया जाता हैं ?

1. अपने आहार में आपको प्रोसेस ग्रेन के बजाए साबुत अनाज (whole grain) का सेवन करना चाहिए। यह लीवर को डेटॉक्सीफाय करने में मदद करता है।
2. अपने आहार में कच्चे टमाटर को शामिल करें।
3. ग्रीन टी में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स लीवर के लिए फायदा करते हैं।
4. विटामिन सी से युक्त साइट्रस फ्रूट जैसे निंबू, संतरा आदि का सेवन अधिक करें। यह लिवर के लिए अच्छे होते हैं।
5. करेले का स्वाद भले ही कड़वा हो पर यह लीवर के लिए मीठा होता है इसलिए अपने आहार में करेले को भी शामिल करें। आप चाहे तो करेले का जूस भी पी सकते हैं।
6. अपने रोजमर्रा के आहार में फल व जूस अधिक ले। पानी अधिक पीए।
7. क्रैश डायटिंग से बचे। अधिक देर तक भूखे रहने से फैटी लीवर की समस्या और भी बढ़ सकती है।
8. दोपहर के खाने के बाद लस्सी या छाछ में काला नमक, हींग, जीरा, काली मिर्च,  डालकर पीना लीवर के लिए उत्तम होता है।
9. आधे नींबू का रस एक गिलास पानी में और उसमें थोड़ा नमक डालकर दिन में दो से तीन बार पिए। इसमें चीनी ना डालें।
10. 200 से 250 gm पके हुए जामुन हर रोज खाने से भी लीवर की खराबी दूर होती है।

फैटी लीवर मे कौन सा योग करने से फायदा होता हैं ?

Fatty Liver से छुटकारा पाने के लिए नियमित योग करे। योग की सम्पूर्ण विधि, लाभ और सावधानी की जानकारी पढ़ने के लिए निचे दिए हुए उस योग के नाम click करे :
1. कपालभाति
2. मत्स्येन्द्रासन
3. वज्रासन
4. गोमुखासन
5. सर्वांगासन
6. भुजंगासन
7. सूर्यनमस्कार
8. सेतुबंधासन
9. पश्चिमोत्तानासन
10. धनुरासन
यह योगासन रोजाना करने से आपके Liver की कार्यक्षमता बढती हैं, liver जमा हुआ fat कम होता है और साथ ही पाचन भी सुधरता हैं।

फैटी लीवर मे क्या सावधानी बरतें ?

फैटी लीवर से बचने के लिए निम्न सावधानियां बरतें :- 
1. शराब का सेवन ना करें या बंद करें।
2. धूम्रपान का सेवन बंद करें।
3. हानिकारक खाद्य पदार्थ जैसे फास्ट, फूड जंक फूड, ड्रग्स आदि सेवन से बचें।
4. नियमित व्यायाम करें।
5. स्वस्थ एवम समतोल आहार ले।
6. अपना वजन नियंत्रण में रखे।
7. हमेशा स्वच्छ पानी पिए।

इस तरह अगर आप स्वस्थ एवं सुरक्षित रहना चाहते हो तो फैटी लीवर से संबंधित इस जानकारी को अपना कर अपनी जीवनशैली में बदलाव लाएं एवं बेहतर स्वास्थ्य पाए। 

अगर आपको यह Fatty liver के कारण, लक्षण, उपचार और बचाव से जुडी जानकारी उपयोगी लगी है तो कृपया इसे शेयर अवश्य करे !

3 thoughts on “फैटी लीवर का कारण, लक्षण, उपचार, घरेलु उपाय और योग | Fatty Liver in Hindi”

Leave a comment

खून की कमी दूर करने के लिए खाएं ये सब्जियां इन 5 लक्षणों से पहचाने आपको Blood Cancer है या नहीं गर्मी में कौन सा फल खाना है सबसे फायदेमंद, जानकर हैरान रह जाएंगे! कई देशो में BAN है यह जानलेवा दवा ! सावधान !! डॉक्टर क्यों कहते हैं गर्मी में खाना चाहिए केला?