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Constipation (कब्ज) का उपचार और घरेलु नुस्खे

Constipation (कब्ज) का उपचार और घरेलु नुस्खे Constipation (कब्ज) का उपचार और घरेलु नुस्खे
Constipation की समस्या कितनी आम है इसका अंदाजा आप इसी बात से समझ सकते है की रोजाना करीब 10 लाख लोग Google पर Constipation in Hindi लिखकर search करते हैं। सामान्य तौर पर कुछ लोग दिन में 2 से 3 बार मल त्याग करते हैं तो कुछ एक बार। कुछ लोगो में 2 से 3 दिन में एक बार मल त्याग करना भी आम बात होती हैं। कब्ज या Constipation की स्तिथि तब आती है जब व्यक्ति daily routine छोड़कर अधिक दिन तक मल त्याग नहीं करता हैं।

पुरे सप्ताह में एक बार भी मल त्याग करने पर कब्ज की गंभीर स्तिथि निर्माण हो जाती हैं। सप्ताह तक कब्ज न होना, मल त्यागने में अधिक पीड़ा होना या पेट दर्द इत्यादि लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

Constipation के treatment और constipation की समस्या से बचने के लिए एहतियात संबंधी अधिक जानकारी नीचे दी गयी हैं :

Constipation treatment remedies in Hindi

कब्ज का ईलाज और एहतियात संबंधी जानकारी Treatment and home remedies of Constipation in Hindi


कब्ज से बचने के लिए क्या एहतियात बरतने चाहिए ?

कब्ज से बचने के लिए निचे दिए हुए एहतियात बरतने चाहिए :
  • पानी / Water 
  1. दिनभर में कम से कम 8 से 10 ग्लास पानी पीना चाहिए। 
  2. सुबह उठने के बाद गुनगुने पानी पिने से पेट साफ़ होने में मदद मिलती हैं। गुनगुने पानी से आंतो को काम करने में आसानी होती हैं। 
  3. आप चाहे तो अपनी digestive system को ठीक करने के लिए रोजाना सुबह 200 ml गुनगुने पानी में 1 चमच्च शहद और आधा निम्बू का रस मिलाकर भी इस्तेमाल कर सकते हैं। 
  4. खाना खाने के बाद तुरंत अधिक मात्रा में पानी नहीं पीना चाहिए। खाना खाते समय बिच मे थोडा पानी पिए और खाना समाप्त होने के 1 घंटे के बाद पानी पिए। 
  5. खाना खाते समय या बाद में अधिक ठंडा पानी नहीं पीना चाहिए। 
  • आहार / Diet 
  1. आहार में junk foods लेने की जगह अधिक fiber युक्त आहार जैसे की हरी सब्जियां, साबुत अनाज (Whole grains), ताजे फल, अलसी और सुखा मेवा जैसे आहार अधिक मात्रा में लेना चाहिए। 
  2. अधिक Fiber युक्त आहार का पाचन जल्दी होता है, इनमे calories की कमी होती हैं और कब्ज नहीं होता हैं। 
  3. भोजन कितना भी स्वादिष्ठ क्यों न हो आपको पर्याप्त मात्रा में ही आहार लेना चाहिए। 
  4. भोजन करते समय उसे शांति से कम से कम 20 बार चबाकर खाना चाहिए जिससे आहार में लार (Saliva) का ठीक से मिश्रण हो और लार में मौजूद enzymes आहार के ठीक से पाचन में मदद कर सके।
  • जीवनशैली / Lifestyle : अगर आप अधिक समय तक एक जगह बैठे रहते है और निष्क्रिय जीवनशैली का आचरण करते है तो आपको कब्ज होने की आशंका ज्यादा रहती हैं। कब्ज से बचने के लिए अपने जीवनशैली में कुछ बदलाव लाए। जैसे की :
  1. हमेशा active रहने की कोशिश करे। 
  2. अगर कामकाज के कारण एक जगह बैठा रहना पड़ता हैं तो हर आधे घंटे पर एक 5 मिनट का ब्रेक लेकर टहलना शुरू करे। 
  3. रोजाना सुबह जल्दी उठकर 30 मिनट तक अपने क्षमतानुसार कोई व्यायाम करे। 
  4. लिफ्ट का इस्तेमाल करने की जगह सीढियों का इस्तेमाल करे। 
  5. अपने गाड़ी को काम की जगह से दूर पार्क करे। 
  6. कोई भी आहार लेने के बाद 2 घंटे तक लेटे नहीं। 
  7. रात का खाना 9 बजे से पहले खाने की कोशिश करे और खाने के बाद 10 से 15 मिनिट तक walk करे।  
  8. मल त्याग की इच्छा होने पर  चाहे कितना भी जरुरी कार्य क्यों न हो शौचालय जाना चाहिए। 


  • गर्भावस्था (Pregnancy) : गर्भावस्था में कब्ज की शिकायत आम बात हैं। गर्भावस्था में कब्ज से बचने के लिए और पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में लेने के लिए आहार का विशेष ध्यान रखना चाहिए। 
  1. गर्भावस्था में आहार संबंधी जानकारी के लिए यह पढ़े - गर्भावस्था और आहार  
  2. गर्भावस्था में कब्ज होने पर अपने मन से कोई विरेचक / Laxative नहीं लेना चाहिए। 
  3. कब्ज की शिकायत होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लेकर दवा लेना चाहिए। 
  4. कब्ज के कारण पेट दर्द या अधिक पेट पर तनाव देने से abortion का खतरा रहता हैं। 
  • दवा / Medicine :
  1. बार-बार कब्ज की शिकायत होने पर अपने मन से या किसी की सलाह पर कोई दवा या enema लेना चालू न रखे। 
  2. अपने डॉक्टर की सलाह ले और उनके निर्देशनुसार दवा लेना चाहिए। दवा से फायदा हो रहा है तो डॉक्टर ने बताई हुई अवधि तक ही दवा चालू रखे। 
  3. अधिक समय तक दवा लेने से भी आगे जाकर कब्ज की शिकायत बढ़ सकती हैं। 
  4. कब्ज के लिए ली जानेवाली विरेचक / Laxative दवा अचानक कभी बंद न करे। अपने डॉक्टर की सलाह्नुसार उस दवा की मात्रा को धीरे-धीरे कम कर बंद करे। 
  5. अगर कोई दवा लेने पर आपको कब्ज होती है तो उसकी जानकारी अपने डॉक्टर को देना चाहिए। 
    • योग / Yoga 
    1. नियमित योग करने से digestion ठीक रहता हैं। 
    2. वज्रासन - इस योग से पाचन प्रणाली ठीक रहती है और constipation की समस्या नहीं होती हैं। भोजन करने के बाद आप यह योगासन कर सकते हैं। 
    3. मयूरासन - यह पाचन प्रणाली को ठीक रखता हैं। कब्ज की पुरानी समस्या को भी ठीक करता हैं। 
    4. अर्ध्यमत्स्येंद्रासन - यह आसन पाचनशक्ति बढाता हैं। 
    5. पवनमुक्तासन - शरीर में एकत्रित gas को निकालने में उपयोगी हैं। कब्ज से पीड़ित व्यक्ति को gas से अधिक परेशानी होती है ऐसे में यह आसन लाभकारी होता हैं। 
    6. बद्धकोनासन - पेट फूलना, पेट दर्द, कब्ज, gas की तकलीफ इत्यादि पेट के विकारो में यह आसन उपयोगी हैं। 
    • घरेलु उपचार / Home Remedies 
    1. किशमिश (Raisins) कब्ज के लिए एक बेहतरीन औषधि हैं। रोज रात को सोने से पहले 7 से 8 मनुक्का / किशमिश खाने से कब्ज होने की आशंका कम हो जाती हैं। 
    2. अंजीर को रात भर साफ़ पिने के पानी में रखिए। सुबह उठने पर यह अंजीर खाने से कब्ज में कमी आती हैं। 
    3. 15 से 20 ग्राम त्रिफला चूर्ण को रात भर 1 लीटर साफ़ पानी में mix कर रखे और सुबह इस पानी को छान ले। यह पानी पिने से पाचन ठीक होता है और कब्ज की शिकायत दूर होती हैं। 
    4. रात में सोते समय इसबगोल चूर्ण दूध या पानी में मिलाकर पिने से सुबह पेट अच्छे से साफ़ होता हैं। 
    5. रात में सोने से पहले एक चमच्च शहद को एक ग्लास पानी के साथ नियमित लेने से कब्ज में लाभ मिलता हैं।  
    6. अलसी (Flax seed) में अधिक मात्रा में fiber होने के कारण इन्हें आप सब्जी में उपयोग कर सकते हैं या रोज सुबह गुनगुने पानी के साथ भी खा सकते हैं। यह स्वाद में स्वादिष्ठ होने के कारण आहार लेने के बाद इनका उपयोग मुखवास की तरह भी किया जा सकता हैं। 
    यहाँ पर दिए हुए किसी भी घरेलु उपचार को अपनाने के पहले अपने डॉक्टर की सलाह अवश्य लेना चाहिए।


    कब्ज में क्या तकलीफ होने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए ?

    कब्ज में निचे दी हुई कोई भी तकलीफ होने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए :
    1. ज्यादा समय तक कब्ज की शिकायत होना। 
    2. गुद (Anus) भाग से रक्तस्त्राव (bleeding) होना। 
    3. गुद भाग से मांस बाहर आना। 
    4. गुद भाग में चिर (Fissure) पड़ जाना। 
    5. गुद भाग से मल या गैस भी बाहर न निकलना, पेट दर्द, पेट फूलना, जी मचलाना और उलटी होना। 
    6. कब्ज, पेट दर्द और बुखार साथ में आना। 
    7. कभी कब्ज होना और कभी पतले जुलाब (Loose Motions) होना। 
    8. यह भी जाने - बवासीर का उपचार कैसे करे ?
    कब्ज के लगभग 80% रोगी समस्या बढ़ने के बाद ही उसका हल खोजते हैं। अधिक समय तक कब्ज रहने से शरीर पर गंभीर परिणाम होते है इसलिए तकलीफ होने पर तुरंत डॉक्टर से जांच कराना चाहिए। कब्ज का उपचार करते समय यह भी पता होना जरुरी हैं की आपको कब्ज क्यों हो रहा हैं।

    कब्ज होने के कारण संबंधी जानकारी लेने के लिए यह पढ़े - कब्ज होने के विभिन्न कारण 

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    Keywords : Constipation treatment and precaution in Hindi. कब्ज / Constipation के ईलाज और एहतियात संबंधी जानकारी  
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    शनिवार, अगस्त 08, 2015 2018-09-15T10:04:35Z

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