बायीं करवट पर सोने के क्या फायदे हैं ?

आपने अक्सर डॉक्टर को कहते हुए सुन होगा की हमे बायी करवट / Left lateral position मे सोना चाहिए । ऐसा क्यू है, इसके फायदे क्या है इसकी जानकारी आज हम आपको इस लेख मे बताने जा रहे हैं । हर इंसान की एक प्यारी चीज होती है और वह है उसकी नींद (Sleep)। सेहत को सही रखने एवं शरीर के विभिन्न अवयवों का कार्य सुचारु रुप से चलने में एक अच्छी नींद की अहम भूमिका होती है। हम कितने घंटे सोते हैं इस बात पर हमारा शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य निर्भर करता है। एक अच्छी सेहत के लिए कम से कम 7 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद लेना आवश्यक होता है। 

यह तो हुई नींद के अवधि की बात लेकिन यह बात बहुत कम लोग जानते हैं कि हम किस स्थिति में सोते हैं यानी कि हमारी पोजीशन का असर भी हमारे शारीरिक स्वास्थ्य पर होता है। सोने की सही स्थिति कौन सी है इस बारे में कई वर्षों पहले आयुर्वेद में कहा गया है। इस बात को आज का विज्ञान भी मान रहा है। क्या यह स्थिति सही में मायने रखती है ? क्या सोने की स्तिथि का दुष्परिणाम भी हमारे शरीर पर हो सकता हैं ? 

आइए जानते हैं कौन सी स्थिति में सोना हमारे स्वास्थ्य के लिए क्या भूमिका निभाता है :

बायीं करवट पर सोने के क्या फायदे हैं ?

(Health benefits of Sleeping on left side in Hindi)

health benefits of sleeping in left lateral position

ज्यादातर लोग उस स्थिति में सोना पसंद करते हैं जिस स्थिति में वह अपने आप को आरामदायीं महसूस कर सके। कोई बायीं करवट पर सोते हैं तो कोई दायीं करवट पर। कोई अपने पीठ के बल सोना पसंद करते हैं तो किसी को अपने पेट पर सोना रास आता है। इन सभी स्थितियों का हमारे शरीर स्वास्थ्य पर फर्क पड़ता है।   जानते हैं कैसे ?

  • पेट के बल सोने से कई बार सांस लेने में दिक्कत होती है। इसलिए जिन व्यक्तियों को अस्थमा या नींद ना आने की शिकायत रहती हो उनके लिए इस स्थिति में सोना ठीक नहीं होता है। पेट के बल सोने से आपको स्पाइन की तकलीफ भी हो सकती हैं।  
  • बायीं करवट पर सोना आपका पाचन तंत्र दुरुस्त रखता है जबकि दायीं करवट पर सोने से आपके पाचन तंत्र में बिगाड़ होने की संभावना रहती है। इसीलिए आयुर्वेद में खाना खाने के बाद कुछ देर बाद वाम कुक्षी लेने का विधान है ताकि आपका हाजमा दुरूस्त रहे। 
  • बायीं करवट पर सोने से हमारी कई परेशानियां कम हो जाती है जैसे कि पेट फूलना , पेट में गैस होना , एसिडिटी होना आदि। 

हर एक स्थिति में सोने का हमारे शरीर पर अलग-अलग प्रभाव पड़ता है लेकिन आयुर्वेद और विज्ञान के आधार से सोने की सही स्थिति होती है बायीं करवट पर सोना। आइए जानते हैं इससे हमें क्या फायदे होते हैं ?

  1. लसिका तंत्र : हमारे शरीर के बाएं हिस्से में Lymphatic System ( लसिका तंत्र ) की प्रमुखता रहती है। जब हम बायीं करवट पर सोते हैं तब हमारा शरीर विषैले एवं बेकार तत्वों को lymph node और Thoracic duct के द्वारा आसानी से कई गुना ज्यादा रफ्तार से शरीर के बाहर निकालने में सक्षम होता है। दायीं करवट पर सोने से यह क्षमता कम हो जाती है। 
  2. पीठदर्द में राहत मिलती हैं : जिन लोगों को पुरानी पीठ दर्द की शिकायत है उन्हें बाई करवट पर सोने से आराम मिलता है। इससे स्पाइन पर दबाव कम आता है और धीरे धीरे पीठ दर्द में राहत मिलने लगती है। 
  3. हृदय के लिए हितकारी : बायीं करवट पर सोने से रक्त संचलन ( Blood circulation ) में आसानी होती है एवं हृदय पर दबाव भी कम पड़ता है। 
  4. स्रीयों में गर्भावस्था में लाभदायी : गर्भावस्था में बायीं करवट पर सोना एक आदर्श स्थिति होती मानी जाती है। इससे पीठ पर दबाव कम आता है साथ ही गर्भाशय, गर्भ एवं किडनी की तरफ रक्त का बहाव भी बढ़ता है। जिससे गर्भ का विकास सही ढंग से बिना अवरोध के होता है। 
  5. छाती में जलन से राहत : गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट भी मानते हैं कि बाई करवट पर सोने से एसिड रिफ्लक्स ( पेट का अम्लीय द्रव फिर से अन्ननलिका में आना, जिससे छाती में जलन, एसिडिटी आदि जैसे लक्षणों में कमी आती है।
  6. कब्ज से राहत : अगर आप बायीं करवट पर सोते हो तो आहार का पाचन अच्छे से होता है और आपको धीरे धीरे कब से भी राहत मिलने लगती है।

अगर आपको बाई करवट पर सोने की आदत नहीं है तो इसके लिए आपको थोड़ा अभ्यास और कुछ बदलाव करने होंगे। जैसे कि :

  • बाई करवट पर सोना और पीठ के पास एक तकिया लगा देना जिससे कि करवट बदलने में आप असमर्थ हो। 
  • आप चाहे तो अपने दाहिनी और कोई नाइट लैंप रख सकते हैं जिससे कि आप उसकी तरफ पीठ करके सोने में मजबूर हो जाए। 
  • इस तरह थोड़े दिनों में आपको बाई करवट पर सोने की आदत हो जाएगी और आप बाई करवट पर सोना आरामदाई महसूस करने लगेंगे और इस से होने वाले फायदों का लाभ उठा पाएंगे। 

हम मानते हैं कि पूरी रात एक ही करवट पर सोना कई बार मुश्किल होता है और हमे करवट भी बदलते रहना चाहिए।  हमें कोशिश करनी चाहिए कि जब भी हम सोए तो बाई करवट पर सोए और जब भी हमारी नींद खुले तो हमें तुरंत बाई करवट ले लेनी चाहिए। किसी भी सूरत में हमें औंधे मुंह जाने पेट के बल नहीं सोना चाहिए इससे रीढ़ की हड्डी पर भी दबाव होता है साथ ही कभी-कभी घबराहट पर नर्वसनेस के लक्षण भी दिखते हैं। 

इस तरह आप अपने सोने की आदत में थोड़ा बदलाव करके अच्छी सेहत पा सकते हैं।  आशा करते हैं यह लेख  आपको पसंद आया होगा और आपको उपयोगी जानकारी प्राप्त हुई होगी। 

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