बच्चों का मानसिक और शारीरिक विकास बचपन में तेजी से होता हैं। इस आयु में ही अगर उन्हें सभी पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में मिले तो उनके body की growth भी तेजी से होता है और ऐसे बच्चे पढाई में भी तेज होते हैं।
यदि आपका बच्चा खेल-कूद में तेज है और इसमें संजीदगी से आगे बढ़ रहा है तो उसके खाने में पोषण बढ़ाने वाले तत्वों का साथ जरूरी है। खेल खेलने वाले बच्चे का खाना अधिक ध्यान देने की मांग करता है और यहाँ कुछ आवश्यक पोषक चीजें बतायी गयी है जो बच्चे के खाने को ज्यादा रोचक और ऊर्जा देने वाला बनाती हैं और कुछ वो चीजें जिनसे परहेज किया जाना चाहिये।
यदि आपका बच्चा खेल-कूद में तेज है और इसमें संजीदगी से आगे बढ़ रहा है तो उसके खाने में पोषण बढ़ाने वाले तत्वों का साथ जरूरी है। खेल खेलने वाले बच्चे का खाना अधिक ध्यान देने की मांग करता है और यहाँ कुछ आवश्यक पोषक चीजें बतायी गयी है जो बच्चे के खाने को ज्यादा रोचक और ऊर्जा देने वाला बनाती हैं और कुछ वो चीजें जिनसे परहेज किया जाना चाहिये।
ऐसे जरूरी पोषक तत्व जो शिशु
के खाने में शामिल करने चाहिये उनकी जानकारी निचे दी गयी हैं :
खेल-कूद में सक्रिय बच्चों के लिये सही पोषण Nutrition tips for kids in Hindi
तरल पदार्थ / Liquids
शिशु के खेल-कूद में सक्रिय
होने पर तरल और पानीदार चीजें उसके लिये बहुत जरूरी होती हैं। ऐसा इसलिये है क्योंकि
गर्मी में खेल-कूद के समय बच्चों के शरीर का पानी बड़ों की तुलना में ज्यादा तेजी से
कम होता है तो इस कमी को जल्दी से जल्दी पूरा करना जरूरी होता है खासकर खेलने-कूदने
वाले बच्चों में। किसी भी मेहनत वाले काम या खेल के पहले, बीच में
और बाद में कुछ पीते रहना शरीर में पानी को बनाये रखने का सबसे अच्छा तरीका है (हालांकि
किसी भी जिस्मानी काम जैसे दौड़ना वगैरह के बीच में लगातार एक-दो घूंट पानी पीते रहना
अच्छा होता है बजाय इसके कि आप बहुत सारा पानी एक साथ गटक लें)। ऐसे में पानी सबसे
अच्छी पसंद है। पानी मिला हुआ फलों का रस भी एक ताजगी भरा पेय है।
जांचों से पता चलता है
कि हल्के मीठे,
स्वाद वाले और अन्य पीने वाली ठंडी चीजें जिसमें कार्बोनेट न
हो जैसे नारियल पानी,
शरीर में पानी की कमी को रोकने में सादे पानी से ज्यादा अच्छा
काम करती हैं। शिशु के शरीर में पानी का स्तर बरकरार रखने के लिये हर 20 मिनट उसे एक
स्क्वीजी बोतल से 50-100 मिलीलीटर कोई तरल पीने दें (इसे मात्रा को बढ़ाया भी जा सकता
है अगर शिशु कोई ज्यादा देर तक चलने वाला खेल, खेल रहा है)। लेकिन पानी का कोई
मुकाबला नहीं है क्योंकि यह शरीर से नुकसानदायक चीजों को बाहर निकाल देता है, शरीर
के को ठंडा रखता है और इसमें कैलोरी भी नहीं होती है।
यदि बच्चा सादा पानी पीने
से आनाकानी करे तो आप इसमें थोड़ा सा नींबू का रस या पुदीना मिलाकर इसके स्वाद को थोड़
बढ़ा सकती हैं।
कार्बोहाइड्रेट्स / Carbohydrates
कार्बोहाइड्रेट्स काम कर
रही मांसपेशियों को ऊर्जा देने का मुख्य साधन है और दिमाग को चलाने वाला ईंघन है। शरीर
में कार्बोहाइड्रेट्स का भंडार (ग्लायकोजन) सीमित होता है तो बच्चों को चाहिये कि वे
इसे कम न होने दें। इसके लिये छिलके वाले अनाज से बना पास्ता, रोटी, चावल, दूध, ब्रेड, दही, दालें, फल और
सब्जियां खायें।
जब आपका शिशु अपने अभ्यास
या मैच के लिये तैयार हो रहा हो तो इस बात को पक्का करें कि वह अपना पूरा खाना खाये
जो कि कार्बोहाइड्रेट्स से भरपूर हो पर पेट के लिय हल्का हो। जैसे सादे अनाज की बे्रड
और सब्जियों से बना हुआ सैंडविच या सभी सब्जियों से बना रोल/पराठा जो कम या बिना तेल-घी
से बना हो (शिशु की उम्र के अनुसार) अच्छी पसंद हैं।
कैल्शियम / Calcium
कैल्शियम हड्डियों के मजबूत
करता है और किसी वजनी काम मे तनाव और खिचांव से उनके टूटने की आशंका का कम करता है।
अपने शिशु के खाने में कैल्शियम की मात्रा पर ध्यान दें। आप दूध और दूध से बनी चीजों
जैसे दही एंव पनीर से कैल्शियम पा सकते हैं। इसके अलावा गहरी हरी पत्तेदार सब्जियां, कैल्शियम-पुष्ट
चीजों और सादे अनाज के नाश्ते से भी आप कैल्शियम पा सकते हैं।
आयरन / Iron
आयरन शरीर में ऊर्जा बनाने
वाले अंगो में होता है। इसलिये जरूरी है कि आप खेल-कूद करने वाले शिशु के खाने ज्यादा
आयरन वाले तत्व शामिल करें जैसे मांस, सूखे सेम, हरी पत्तेदार
सब्जियां, ज्यादा आयरन युक्त अनाज। आयरन की उचित खुराक के बिना आपका शिशु आसानी से थक सकता
है, उसके प्रर्दशन या अभ्यास के लिये जरूरी दमखम पर असर पड़ सकता हैं।
चर्बी / Fats
बिना चर्बी वाला या ज्यादा
चर्बी वाला, दोनों तरह का खाना सेहतमंद नहीं होता। कुछ चर्बी वाला भोजन सेहत के लिये जरूरी
होता है और युवा खिलाड़ियों के लिये यह असली ऊर्जा का मूल है। सेहतमंद चर्बी पाने के
लिये सूखे मेवे जैसे बादाम,
अखरोट और सन की बीज की खुराक अच्छी होती है।
ऐसा बिल्कुल न करें
खाना खाने से न चूकेंः
खेल-कूद में दिलचस्पी लेने वाले बच्चों को खाना खाने में चूक नहीं करनी चाहिये क्योंकि
ऐसा करने से शरीर में ऊर्जा घटती है। इस तरह, वजन कम करने के लिये उन्हे कभी
भी कम खाने पर नहीं रहना चाहिये। अगर वजन कम करने की जरूरत हो तो इसके लिये वे फुटबाॅल
या जिमनास्ट जैसा कोई खेल,
खेल सकते हैं। इसलिये सलाह है कि ज्यादा फुर्तीला खेल खेलने
वाले बच्चे एकसाथ ज्यादा खाने के बजाय थोड़ा-थोड़ा और अक्सर खाते रहें।
सप्लीमेंट खासकर प्रोटीन / Proteins
यह जरूरत से ज्यादा नुकसान पंहुचा सकता है। चूंकि मांसपेशी को मजबूत बनाने, संक्रमण से लड़ने, ऊतकों को संकेत देने, उनकी बढ़त को काबू और रखरखाव करने में प्रोटीन का अहम् किरदार होता है तो एथलीट को ज्यादा प्रोटीन वाला खाना खाने की सिफारिश नहीं की जाती और कार्बोहाइड्रेट्स की जगह प्रोटीन को रखना एथलीट के प्रर्दशन को बिगाड़ सकता है। और बजाय सप्लीमेंट देने के यह कोशिश करें कि शिशु प्रोटीन की जरूरत को अपने भोजन से ही पूरा करे। इसके लिये अंडा, मांस, मछली, दूध, दही, पनीर, सेम और फलियां प्रोटीन की सबसे अच्छी भंडार हैं।
ध्यान
दें-
ज्यादा प्रोटीन गुर्दे
और जिगर को नुकसान पंहुचा सकता है। खेल-कूद में तेज बच्चों को प्रोटीन उनकी उम्र की
जरूरत के हिसाब से दिया जाना चाहिये जैसे आरडीए। अगर, शिशु
के प्रोटीन की जरूरत खाने से पूरी न होती हो या शिशु ठीक से खाना न खाता हो तभी शिशु
को केवल दूध की खुराक के बारे में सोचिये खासकर शिशु के मामले में लेकिन कोई भी प्रोटीन
सप्लीमेंट न दें।
कार्बोनेटेड/कैफीन युक्त/खिलाड़ियों को पीने वाले पेय
इनसे भी परहेज करना चाहिये। कार्बोनेटेड और कैफीन युक्त पीने वाली
चीजें शरीर में पानी बढ़ाने की दवाई की तरह काम करती है जिससे गुर्दे, जरूरत
से ज्यादा शरीर का पानी बाहर निकलने लगते है जिससे शरीर का पानी बचने के बजाय कम होना
शुरू हो जाता है। इस तरह खिलाड़ियों के पीने वाले और ऊर्जा देने वाले पेय में न केवल
शक्कर और बेकार कैलोरी होती हैं बल्कि उनमें मांसपेशी को उकसाने वाले तत्व भी होते
हैं जो बच्चों के लिये नुकसानदायक हो सकता है।
यह लेख हमारे साथ Parentune team ने साझा किया हैं। Parentune भारत की सबसे तेजी से बढ़ने वाली पेरेंटिंग कम्युनिटी है जो पेरेंट्स को अपने बच्चों के लिए उपयुक्त सलाह और सहयोग देती हैं। और जाने Parentune के बारे में - http://www.parentune.com/
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