यह आसन करते समय शरीर का आकार फन उठाए हुए सर्प के समान होने के कारण इसे 'भुजंगासन' कहा जाता हैं। कुछ लोग इसे सर्पासन नाम से भी जानते हैं। अंग्रेजी में इसे Cobra pose भी कहा जाता हैं।
सूर्यनमस्कार करते समय क्रमांक 7 में यह आसन किया जाता हैं। पीठ के दर्द से पीड़ित व्यक्तिओ के लिए यह सबसे लाभकर आसन हैं। यह Yoga करने से आपकी पीठ और कमर के रोग दूर होते हैं।
सूर्यनमस्कार करते समय क्रमांक 7 में यह आसन किया जाता हैं। पीठ के दर्द से पीड़ित व्यक्तिओ के लिए यह सबसे लाभकर आसन हैं। यह Yoga करने से आपकी पीठ और कमर के रोग दूर होते हैं।
भुजंगासन संबंधी अधिक जानकारी निचे दी गयी हैं :
भुजंगासन की विधि और फायदे Bhujangasana in Hindi
भुजंगासन करने की विधि Bhujangasana steps in Hindi
- एक स्वच्छ और समान जगह पर चटाई / दरी बिछाकर यह आसन करे।
- सबसे पहले पेट के बल लेट जाईए।
- पैरो को सीधा, लम्बा फैला कर रखना हैं।
- अपने हथेलियों को कंधो के निचे जमीन पर रखे।
- माथा (Forehead) को जमीन से लगाकर रखे।
- अपने कुंहनियो की दिशा ऊपर आसमान की ओर रखे।
- अब धीरे-धीरे सिर को और कंधो को जमीन से ऊपर उठाइये। सिर को ऊपर उठाते समय श्वास अंदर लेना हैं।
- हाथो का अंदरूनी हिस्सा शरीर से स्पर्श कर रखे।
- हाथो पर अधिक दबाव न आने दे।
- अब धीरे-धीरे हाथों को कुंहनियो से सीधा कर, पूरी पीठ को पीछे की ओर झुकाना हैं। नाभी को जमीन से लगाकर रखे। इस स्तिथि में श्वास सामान्य रखे। इस स्तिथि में 20 से 30 सेकण्ड तक रुके और अभ्यास के साथ अंतराल बढ़ाये।
- इस अंतिम स्तिथि में कुछ देर रुकने के बाद धीरे-धीरे निचे आइए तथा पूर्व स्तिथि में विश्राम करे। यह क्रिया श्वास को बाहर छोड़ते हुए करना हैं।
भुजंगासन से क्या लाभ होता हैं ? Bhujangasana benefits in Hindi
भुजंगासन से निम्नलिखित लाभ मिलता हैं :
- रीढ़ की हड्डी लचीली बनती हैं।
- गले में खराबी या दमा से पीड़ित व्यक्तिओ में भी यह आसन लाभकर हैं।
- पीठ की हड्डी मजबूत बनती हैं।
- उदर संबंधी रोग जैसे लिवर और किडनी रोग में लाभ मिलता हैं।
- कब्ज की शिकायत दूर होती हैं।
- पेट पर जमी अतिरिक्त चर्बी को दूर कर मोटापा दूर करने में मदद मिलती हैं।
- महिलाओ में प्रजनन और मासिक संबंधी समस्या में लाभ मिलता हैं।
भुजंगासन में क्या सावधानी बरते ?
भुजंगासन में निम्नलिखित सावधानी बरते :
- हर्निया और Hyperthyroidism से पीड़ित व्यक्तिओ ने यह आसन नहीं करना चाहिए।
- अत्यधिक पेट दर्द होने पर यह आसन न करे।
- पीछे की ओर अकस्मात सिर और पीठ को नहीं झुकाना चाहिए।
- यह आसन अपने क्षमता अनुसार ही करे।
इस आसन से आप अपने शरीर को लचीला और फुर्तीला बना सकते हैं। अगर आपको पहले से कोई रोग या समस्या हैं तो किसी भी नए व्यायाम या आसन को करते समय अपने डॉक्टर और योग विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लेना चाहिए।
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योग के वैसे तो सभी आसान लाभप्रद है और आपने भुजंगासन के विषय में जो जानकारी लिखी है अत्यंत ही लाभप्रद है !
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