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भस्त्रिका प्राणायाम : विधि और लाभ

भस्त्रिका प्राणायाम : विधि और लाभ भस्त्रिका प्राणायाम : विधि और लाभ
भस्त्रिका यह एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ ' धौकनी ' होता हैं। जिस प्रकार एक लोहार धौकनी की सहायता से तेज हवा छोडकर उष्णता निर्माण कर लोहे को गर्म कर उस मे की अशुद्धता को दूर करता है, उसी प्रकार भस्त्रिका प्राणायाम में हमारे शरीर और मन की अशुद्धता को दूर करने के लिए धौकनी की तरह वेग पूर्वक अशुद्ध वायु को बाहर निकाला जाता है और शुद्ध प्राणवायु को अंदर लिया जाता हैं। इसीलिए इसे अंग्रेजी में ' Bellow's Breath ' भी कहा जाता हैं।
  1. भस्त्रिका प्राणायाम की विधि Bhastrika pranayama steps in Hindi 
  2. भस्त्रिका प्राणायाम के लाभ Bhastrika benefits in Hindi
  3. भस्त्रिका प्राणायाम में क्या सावधानी बरते ? 
आज के प्रदुषण और धुल से भरे वातावरण में शरीर की शुद्धि और फेफड़ो की कार्यक्षमता बढाने के लिए यह एक उपयोगी प्राणायाम हैं। Asthma, TB के रोगी और Smoking करने वाले लोगों ने यह प्राणायाम अवश्य करा चाहिए। इस प्राणायाम से आपके फेफड़े मजबूत बनते हैं।

भस्त्रिका प्राणायाम संबंधी अधिक जानकारी निचे दी गयी हैं :

Bhastrika Pranayama benefits in Hindi.

भस्त्रिका प्राणायाम कैसे करते है और इसके फायदे 


भस्त्रिका प्राणायाम की विधि Bhastrika pranayama steps in Hindi

  • सबसे पहले एक स्वच्छ और समतल जगह पर दरी / चटाई बिछाकर बैठ जाए। 
  • पद्मासन या सुखासन में बैठे। मेरुदंड, पीठ, गला तथा सिर को सीधा रखे और अपने शरीर को बिलकुल स्थिर रखे। 
  • मुंह बंद रखे। 
  • इसके बाद दोनों नासिका छिद्रों (Nostrils) से आवाज करते हुए श्वास लेना है और आवाज करते हुए श्वास बाहर छोड़ना हैं। 
  • श्वास लेने और छोड़ने की गति तीव्र होना चाहिए। 
  • श्वास लेते समय पेट बाहर फुलाना है और श्वास छोड़ते समय पेट अन्दर खींचना हैं। 
  • यह प्रक्रिया करते समय केवल पेट हिलना चाहिए और छाती स्थिर रहना चाहिए। 
  • इस तरह कम से कम 20 बार करना हैं। 
  • भस्त्रिका प्राणायाम करते समय आंखरी क्रिया / श्वास में श्वास अन्दर लेते समय छाती, पेट और फेफड़ो का पूर्ण विस्तार करे और श्वास को अन्दर रखे। जालंधर और मूल बंध लगाकर यथाशक्ति श्वास रोककर रखे (कुंभक)। 
  • अंत में बंधो को खोल कर सिर को ऊपर उठाकर श्वास को छोड़ देना हैं। 
  • भस्त्रिका प्राणायाम करते समय श्वास लेने और छोड़ने का समय समान रखे। 

भस्त्रिका प्राणायाम के लाभ Bhastrika benefits in Hindi

  1. शरीर के सभी अंगो को रक्त संचार में सुधार होता हैं। 
  2. अस्थमा / दमा, टीबी और कर्करोग के रोगियो में लाभ होता हैं। 
  3. फेफड़ो की कार्यक्षमता बढती हैं। 
  4. शरीर में प्राणवायु (Oxygen) की मात्रा संतुलित रहती हैं। 
  5. पेट का उपयोग अधिक होने से पेट के अंग मजबूत होते है और पाचन शक्ति में वृध्दि होती हैं। 
  6. वजन कम करने और पेट की चर्बी कम करने में सहायक हैं। 
  7. शरीर, मन और प्राण को स्फूर्ति मिलती हैं। 
  8. अवश्य पढ़े - कुण्डलिनी कैसे जागृत करे ?


भस्त्रिका प्राणायाम में क्या सावधानी बरते ?

  • निचे दिए हुए व्यक्तिओ ने भस्त्रिका प्राणायाम नहीं करना चाहिए।  
  1. उच्च रक्तचाप के रोगी 
  2. हर्निया के रोगी 
  3. ह्रदय रोग के रोगी 
  4. गर्भवती महिलाए
  5. अल्सर के रोगी 
  6. मिरगी के रोगी 
  7. पथरी के रोगी
  8. मस्तिष्क आघात / Stroke के रोगी 
  9. Sinus के रोगी और जिनके नाक की हड्डी बढ़ी हुई या तेडी है वह अपने डॉक्टर के सलाह लेकर ही यह प्राणायाम करे। 
  • भस्त्रिका प्राणायाम करने से पहले नाक साफ़ कर लेना चाहिए। 
  • गर्मी के दिनों यह सिर्फ सुबह के समय ही करे और सामान्य से कम चक्र करना चाहिए। 
  • अच्छे परिणामो के लिए यह प्राणायाम साफ़ और खुली हवा में करना चाहिए। 
  • भस्त्रिका प्राणायाम करते समय शुरुआत में कम समय के लिए करे और धीरे-धीरे अभ्यास का समय और चक्र बढ़ाये। 
  • भस्त्रिका प्राणायाम के बाद अनुलोम-विलोम प्राणायाम कर श्वसन को नियमित करना चाहिए। 
भस्त्रिका प्राणायाम यह एक बहु उपयोगी प्राणायाम हैं। भस्त्रिका प्राणायाम करते समय चक्कर आना, जी मचलना, घबराहट होना या बैचेनी होना जैसे कोई लक्षण नजर आने पर प्राणायाम तुरंत बंद कर देना चाहिए और डॉक्टर या योग विशेषज्ञ की सलाह लेना चाहिए। वात, पित्त और कफ इन त्रिदोषो की अशुद्धि और मन को काबू में पाने के लिए यह उत्तम प्राणायाम हैं।

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Image courtesy : Stuart Miles at FreeDigitalPhotos.net

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मंगलवार, जून 30, 2015 2018-09-07T10:38:00Z

5 टिप्‍पणियां:


  1. ​सुन्दर और उपयोगी जानकारी लिखी है आपने डॉक्टर साब

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  2. उपयोगी जानकारी सरल ढंग से समझाई गई है। धन्यवाद।

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  3. यह लेख बहुत ही बढ़िया है कृपया और अधिक ज्ञान को शेयर करें ताकि इसे हम अधिक लाभांवित हो सकें आपका बहुत-बहुत धन्यवाद हम आपके आभारी हैं

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