Prostate यह पुरुषो में पाये जानेवाली अखरोट के आकार वाली ग्रंथि या gland हैं। यह ग्रंथि मूत्राशय (Urinary Bladder) के निचे, मलाशय (Anus) के आगे और मूत्रमार्ग (Urethra) के चारो ओर स्तिथ होती हैं। इस ग्रंथि से निकलने वाला तरल पदार्थ वीर्य में शुक्राणु ले जाने मे सहायता करता हैं। आयु के बढ़ने के साथ Prostate ग्रंथि का आकार बढ़ना एक सामान्य बात हैं।
Prostate का आकार सामान्य से अधिक बढ़ जाने पर मूत्रमार्ग में अवरोध उत्पन्न करता हैं। यह समस्या अधिकतर उम्रदराज लोगों में पायी जाती हैं। Prostate की सामान्य वृद्धि को Benign Prostate Hyperplasia या BPH भी कहा जाता हैं।
Prostate का आकार सामान्य से अधिक बढ़ जाने पर मूत्रमार्ग में अवरोध उत्पन्न करता हैं। यह समस्या अधिकतर उम्रदराज लोगों में पायी जाती हैं। Prostate की सामान्य वृद्धि को Benign Prostate Hyperplasia या BPH भी कहा जाता हैं।
Prostate ग्रंथि के वृद्धि के कारण, लक्षण और उपचार की अधिक जानकारी निचे दी गयी हैं :
Prostate बढ़ने (BPH) के कारण, लक्षण और उपचार
Prostate वृद्धि क्या है ? Prostate in Hindi
- 60 वर्ष से अधीक आयु के लगभग 50% व्यक्तिओ में Prostate में सुजन की समस्या होती हैं।
- 85 वर्ष के होते-होते इसका प्रमाण 90% हो जाता हैं।
- Prostate ग्रंथि में वृद्धि कर्करोग के कारण हो सकती है और यह वृद्धि सामान्य (Benign) भी हो सकती हैं।
- Prostate ग्रंथि के सामान्य वृद्धि को Benign Prostatic Hyperplasia (BPH) कहते हैं।
- 50 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तिओ में पाये जानेवाला यह सबसे आम विकार हैं।
- सामान्य Prostate ग्रंथि वृद्धि (BPH) का अभी तक कोई ठोस कारण का पता नहीं चला हैं पर यह माना जाता है की पुरुषो में उम्र के साथ होनेवाले हार्मोनल बदलाव का यह नतीजा हो सकता हैं।
Prostate बढ़ने (BPH) के लक्षण क्या हैं ? Prostate symptoms in Hindi
सामान्य Prostate ग्रंथि वृद्धि (BPH) में निम्नलिखित लक्षण नजर आते हैं :- पेशाब करने में तकलीफ होना।
- बार-बार पेशाब जाना।
- एक बार में पूरी पेशाब न होना।
- पेशाब को रोक न पाना और जल्द पेशाब करने की इच्छा होना।
- रात को पेशाब करने के लिए बार-बार उठना।
- मूत्राशय पूरी तरह खाली न होने से बार-बार पेशाब में संक्रमण होना या पथरी होना।
- बूंद-बूंद पेशाब होना।
- पेशाब बंद हो जाना
- मूत्र संक्रमण के कारण किडनी मे संक्रमण होना।
सामान्य Prostate ग्रंथि वृद्धि (BPH) का diagnosis कैसे किया जाता हैं ?
50 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तिओ में ऊपर दिए हुए मूत्र संबंधित लक्षण पाए जाने पर सामान्य Prostate ग्रंथि वृद्धि (BPH) का निदान करने हेतु निम्नलिखित परिक्षण किये जाते हैं :
- परिक्षण / Examination : डॉक्टर दस्ताने पहनकर मलाशय पर Anesthetic gel लगाकर, मलाशय में उंगली डालकर Prostate ग्रंथि का परिक्षण करते हैं।
- सोनोग्राफी / Sonography : Prostate ग्रंथि का परिक्षण करने के लिए यह बेहद उपयोगी परिक्षण हैं। सोनोग्राफी करने से निम्नलिखित जानकारी प्राप्त होती हैं :
- Prostate ग्रंथि का आकार
- Prostate ग्रंथि के अवरोध के कारण मूत्राशय में बाकि रहनेवाली मूत्र की मात्रा
- Prostate ग्रंथि के अन्तर्भाग की कल्पना
- मूत्राशय और किडनी की स्तिथि
- मूत्र प्रवाह परिक्षण / Uroflometry : इसमें रोगी व्यक्ति के पेशाब के प्रवाह का परिक्षण किया जाता हैं। सामान्य से कम प्रवाह होना मूत्रमार्ग में अवरोध का लक्षण होता हैं।
- रक्त परिक्षण / Prostate Specific Antigen (PSA) Test : इस परिक्षण में रक्त में एक खास किस्म के प्रोटीन की मात्रा की जांच की जाती है जो सामान्यतः Prostate में Cancer कोशिकाओ से निकलता हैं। इसकी मात्रा अधिक पाए जाने पर Prostate ग्रंथि के कर्करोग की आशंका बढ़ जाती हैं। Prostate ग्रंथि में संक्रमण, Prostate मसाज या Prostatitis के कारण भी इस परिक्षण की मात्रा बढ़ सकती हैं।
- Prostate Biopsy : रोगी में मूत्र अवरोध के लक्षण और उच्च PSA पाए जाने पर गुदमार्ग से सुई द्वारा Prostate ग्रंथि का एक छोटा सा टुकड़ा निकालकर उसका परिक्षण किया जाता हैं। यह वेदना रहित प्रक्रिया हैं।
Prostate का उपचार कैसे किया जाता हैं ? Prostate treatment in Hindi
सामान्य Prostate ग्रंथि वृद्धि (BPH) का उपचार दो तरह से किया जाता हैं।
1 ) औषधोपचार / Medicine
सामान्य Prostate ग्रंथि वृद्धि (BPH) में लक्षणों की कमी, सुजन की कमी या अन्य किसी बड़ी बीमारी के कारण रोगी शल्य क्रिया के लिए अपात्र होने पर औषधोपचार किया जाता हैं। औषधोपचार से सामान्य Prostate ग्रंथि वृद्धि (BPH) की चिकित्सा करने के लिए कई प्रकार की दवा का इस्तेमाल किया जाता हैं।
- Alpha Blockers : रोगी को मूत्र अवरोध दूर कर लक्षणों में कमी लाने के लिए alpha-blockers दवाओ का इस्तेमाल किया जाता हैं। जैसे की - Tamsulosin, Sildosin, Prazosin
- 5-Alpha Reductase inhibitors : यह दवा Prostate ग्रंथि के सुजन को कम करती हैं और मूत्र के प्रवाह में सुधार लती हैं। जैसे की - Finasteride, Dutasteride
2) शल्यक्रिया / Surgery
औषधोपचार करने पर भी सामान्य Prostate ग्रंथि वृद्धि (BPH) में कोई लाभ न मिलने पर और लक्षणों में वृद्धि के साथ किडनी पर असर पड़ने पर शल्यक्रिया कर Prostate ग्रंथि को निकाल दिया जाता हैं। पहले Prostate ग्रंथि निकालने के लिए पेट खोल कर (Open) शल्य क्रिया की जाती थी पर अब चिकित्सा विज्ञान में नयी टेक्नोलॉजी आ जाने से यह शल्य क्रिया और भी आसन हो गयी हैं।
सामान्य Prostate ग्रंथि वृद्धि (BPH) में की जानेवाली शल्यक्रिया की जानकारी निचे दी गयी हैं :
45-50 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तिओ में सामान्य Prostate ग्रंथि वृद्धि (BPH) एक आम रोग हैं। ऊपर दिए हुए लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर से जांच कराना चाहिए। सामान्य Prostate ग्रंथि वृद्धि (BPH) के कारण बार-बार पेशाब में संक्रमण होने से किडनी भी प्रभावित हो सकती हैं।
यह जानकारी अवश्य पढ़े :
- Trans Urethral Resection of Prostate (TURP) : सामान्य Prostate ग्रंथि वृद्धि (BPH) के ज्यादातर रोगियों में यह शल्य क्रिया की जाती हैं। इसमें रोगी को बेहोश करने के बाद मूत्रमार्ग से एक छोटा सा यंत्र अंदर डालकर Prostate को काट कर निकाल देते हैं। इस शल्य क्रिया में कोई बाहरी चीरा नहीं दिया जाता हैं और खुला घाव न होने के कारण हॉस्पिटल से जल्द छुट्टी मिल जाती हैं। इस शल्य क्रिया के बाद आप जल्द काम पर भी जा सकते हैं।
- Photo Selective Vaporisation of Prostate (PSV) / Laser Surgery : इस प्रकार के शल्य क्रिया में TURP की तरह ही मूत्रमार्ग से Laser Fiber का उपयोग कर Prostate को निकाला जाता हैं। इसमें रक्तस्त्राव कम होता हैं।
- Open Prostatectomy : इस प्रकार के शल्य क्रिया में पेट के निचले हिस्से में छोटा चीरा लगाकर Prostate को बाहर निकाला जाता हैं। अगर Prostate बहुत बड़ा है या अन्य किसी कारणवश Trans Urethral शल्य क्रिया नहीं की जा सकती है केवल तब ही यह शल्य क्रिया की जाती हैं।
Prostate में घरेलु आयुर्वेदिक उपचार
- खजूर : 4-5 खजूर चबाकर खाए। गर्मी के मौसम में खजूर को रात को भिगोकर रखे और सुबह बीज निकालकर चबाकर खाए। खजूर को रात को भिगोकर रखने से उसकी उष्णता कम हो जाती है पर पौष्टिकता बनी रहती हैं। सर्दी के दिनों में खजूर को दूध में उबालकर खाना चाहिए।
- लौकी : लौकी का जूस प्रोस्टेट में बेहद आराम देते हैं। लौकी के जूस में 5 से 7 तुलसी के पत्ते और 5 काली मिर्च मिलाकर पिए। ध्यान रहे की लौकी कड़वी नहीं होनी चाहिए।
- कपालभाति : रोजाना कपालभाति प्राणायाम करने से Prostate ग्रंथि की सूजन में कमी आती हैं। पढ़े - कपालभाति प्राणायाम कैसे करे
- एक्यूप्रेशर : एक हाथ के हथेली के बिच में दूसरे हाथ के अंगूठे से 5 मिनिट तक सुबह शाम दबाने से भी प्रोस्टेट की सूजन कम होने में सहायता मिलती हैं।
- आयुर्वेद : प्रोस्टेट की सूजन को कम करने के लिए आप अपने डॉक्टर की सलाह से चंद्रप्रभावटी, गोक्षुरादि गुग्गुल, विष तिन्दुक वटी, पुनर्नवादि मंडूर आदि दवा ले सकते हैं।
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Image courtesy : David Castillo Dominici at FreeDigitalPhotos.net
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बेहतरीन और उपयोगी जानकारी ! कभी बच्चों में टॉन्सिल की समस्या पर लिखियेगा !
जवाब देंहटाएंNICE BAHUT BARIYA JANKARI
जवाब देंहटाएंso nice of you,
जवाब देंहटाएंthanks for information against PROSTATE
Regards
Sanjay Vishwakarma
What is the use of prostate gland? Does removal of it have any side effect??
जवाब देंहटाएंThe prostate gland is a male reproductive organ whose main function is to secrete prostate fluid, one of the components of semen. The muscles of the prostate gland also help propel this seminal fluid into the urethra during ejaculation. Removal of Prostate gland has no side effects. It is usually removed in cases HYPERTROPHY.
हटाएंNice
जवाब देंहटाएंCt scan se prostate enlargement pata chal sakta hai.
जवाब देंहटाएंyes. iake liye aap sonography bhi kara sakte hai
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