उज्जयी प्राणायाम से हम अपने सांसो पर विजय पा सकते हैं और इसलिए इस प्राणायाम को अंग्रेजी में Victorious breath कहा जाता हैं। उज्जयी प्राणायाम करते समय समुन्दर के आवाज के समान ध्वनि आती हैं इसलिए इसे Ocean Breath भी कहा जाता हैं।
उज्जयी प्राणायाम करने से शरीर में गर्म हवा शरीर में जाती हैं जो शरीर में बसे दूषित और जहरीले पदार्थ बाहार निकालने में मदद करती हैं। तनाव, depression को दूर करने के लिए और मानसिक शांति को प्राप्त करने के लिए यह एक उपयोगी प्राणायाम हैं।
उज्जयी प्राणायाम करने से शरीर में गर्म हवा शरीर में जाती हैं जो शरीर में बसे दूषित और जहरीले पदार्थ बाहार निकालने में मदद करती हैं। तनाव, depression को दूर करने के लिए और मानसिक शांति को प्राप्त करने के लिए यह एक उपयोगी प्राणायाम हैं।
उज्जयी प्राणायाम कैसे करना चाहिए और इसके लाभ संबंधी सम्पूर्ण जानकारी निचे दी गयी हैं :
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Ujjai Pranayam Benefits in Hindi |
Ujjayi pranayama steps and benefits in Hindi
उज्जयी प्राणायाम कैसे करते हैं ? Ujjayi pranayama in Hindi
उज्जयी प्राणायाम करने की विधि इस प्रकार हैं :
- यह प्राणायाम करते समय सांस नाक से लेना और छोड़ना होता हैं।
- इस प्राणायाम को करते समय में मुंह को बंद रखना होता हैं।
- उज्जयी प्राणायाम करने के लिए आप किसी भी आसन में बैठ सकते हैं।
- जीभ को मोड़कर खेचरी मुद्रा लगाले। जीभ को पीछे की ओर मोड़कर तालू से जीभ के अग्र को लगाना खेचरी मुद्रा की राजयोग पद्धति हैं।
- गले, सर तथा पीठ को सीधा करले।
- आँखों को बंद करले।
- सम्पूर्ण शरीर को शिथिल करे।
- कंठ के स्नायु को tight करना होता हैं।
- कंठ को संकुचित कर नाक से मंद तथा गहरी श्वास ले।
- सरसराहट की ध्वनी गले से निकाले। यह ध्वनी छोटे बच्चे की नींद में आनेवाली आवाज समान होंगी।
- उज्जयी प्राणायाम शुरुआत में 2 से 3 मिनिट तक करे और धीरे धीरे समय बढाते हुए 10 मिनिट तक कर सकते हैं।
- सांस छोड़ने का समय अवधि सांस लेने के समय अवधि से दोगुना रखे।
- ध्यान रखे की उज्जयी प्राणायाम करते समय आवाज आपके कंठ के उपरी हिस्से से निकलना चाहिए नाकि नाक के सामने वाले हिस्से से।
- उज्जयी प्राणायाम हम कभी भी कर सकते हैं पर अधिक लाभ लेने के लिए इसका अभ्यास सुबह की ताज़ी हवा में खाली पेट करना चाहिए।
- ध्यान रहे की अभ्यास के दौरान चेहरे को विकृत न करे।
उज्जयी प्राणायाम के लाभ Ujjayi pranayama benefits in Hindi
उज्जयी प्राणायाम का नियमित अभ्यास करने से निचे दिए हुए लाभ होते हैं :
- इस प्राणायाम से आपके फेफड़े मजबूत होते और उनकी प्राणवायु लेने की क्षमता में वृद्धि होती हैं।
- उच्च रक्तचाप से पीड़ित व्यक्तिओ में इससे लाभ होता है।
- मन को शांत तथा ध्यान के लिए तैयार करने की यह आसान विधि हैं।
- निराशा और तनाव को दूर करने में अत्यंत लाभप्रद हैं।
- यह ह्रदय रोगियों के लिए भी लाभप्रद हैं।
- पीठदर्द से परेशान व्यक्तिओ के लिए लाभकर हैं।
- इस प्राणायाम से कमर में जमी अतिरिक्त चर्बी कम होती हैं इसलिए यह मोटापे से पीड़ित व्यक्तिओ में भी लाभकर हैं।
- उज्जयी प्राणायाम से शरीर के दूषित पदार्थ बाहर निकलते हैं और इस लिए यह मुंहासो से पीड़ित व्यक्तिओ में लाभकर हैं।
- उज्जयी प्राणायाम से दमा और TB से पीड़ित व्यक्तिओ में बहोत लाभ होता हैं।
- खर्राटो से पीड़ित व्यक्तिओ के लिए उज्जई प्राणायाम बेहद लाभकर हैं।
- Hypothyroidism से पीड़ित व्यक्तिओ में उज्जयी प्राणायाम करने से बेहद लाभ मिलता हैं।
- आप इसे अष्टांग योग पद्धति से कर अपना रक्तचाप बढ़ा सकते हैं और Meditation पद्धति से कर अपना रक्तचाप कम भी कर सकते हैं।
उज्जयी प्राणायाम हम कई प्रकार से और विविध आसन में कर सकते है। यह पर उज्जयी प्राणायाम की सबसे सरल और उपयोगी विधि बताई गयी हैं। अधिक जानकारी के लिए आप योगा प्रशिक्षक की सलाह ले सकते हैं। अगर आपको उज्जयी प्राणायाम करने से कोई तकलीफ होती है तो योगा प्रशिक्षक को मिलकर सलाह लेना चाहिए।
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Image courtesy : holohololand at FreeDigitalPhotos.net
बहुत ही सुन्दर सार्थक और ज्ञानोपयोगी पोस्ट दी है आपने डॉक्टर साब ! आशा है मेरे सहित और लोगों को भी इसकलए प्रतिफल मिलेगा !
जवाब देंहटाएंThankxx..for life secure suggestion.
जवाब देंहटाएंHayper thayrisem me uchhhayi prnayam karna chhahiye...... Ya nahi
जवाब देंहटाएंKar sakte hai.
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