'शितकारी' का अर्थ होता हैं - ऐसी चीज जो ठंडक पहुचाती हैं। यह प्राणायाम करने से शरीर और मन को ठंडक पहुचती हैं और इसी लिए इसे 'शितकारी प्राणायाम' कहा जाता हैं। शितली प्राणायाम की तरह, यह प्राणायाम भी बेहद सरल और उपयोगी प्राणायाम हैं।
शितकारी प्राणायाम करने की विधि और इससे होनेवाले विविध लाभ संबंधी अधिक जानकारी निचे दी गयी हैं :
- शीतकारी प्राणायाम कैसे करे? Shitkari pranayama in Hindi
- शितकारी प्राणायाम के लाभ Benefits of Shitkari Pranayam
शितकारी प्राणायाम करने की विधि और इससे होनेवाले विविध लाभ संबंधी अधिक जानकारी निचे दी गयी हैं :
शीतकारी प्राणायाम की विधि और लाभ Steps and Health benefits of Shitkari Pranayam
शीतकारी प्राणायाम कैसे करे Shitkari pranayama in Hindi
- एक स्वच्छ, समान और सपाट जगह जहा पर स्वच्छ और प्रदुषणरहित हवा मिलती हो ऐसे स्थान पर एक कपडा बिछाकर बैठ जाए।
- आप अपने हिसाब से जो आसान आपको आरामदायक लगे उस आसन में बैठ जाए।
- मेरुदंड, गला तथा सिर को सीधा रखे।
- ऊपर और निचे के दातों को परस्पर मिलाकर रखे।
- जीभ को पीछे की ओर मोड़कर तालू से जीभ के अग्र भाग को लगा लें (खेचरी मुद्रा)।
- अब दातों के बिच की जगह से श्वास धीरे-धीरे अन्दर लें।
- श्वास अन्दर लेते समय 'सीsss ' की आवाज करें।
- अब श्वास को अन्दर रख जालंदर बंद लगा दे। (सिर को आगे की ओर झुकाकर जबड़े के आगे के हिस्से को छाती को लगाकर रखना)
- कुछ क्षणों बाद जालंदर बंद को मुक्त कर धीरे-धीरे दोनों नासिका से श्वास बाहार निकाले। (रेचक)
शितकारी प्राणायाम के लाभ Benefits of Shitkari Pranayam
शितकारी प्राणायाम के लाभ शीतली प्राणायाम से होनेवाले जैसे ही हैं।- शारीरिक गर्मी को कम करता हैं।
- मानसिक और भावनात्मक उत्तेजनाओं को कम करता हैं।
- इसे रात्रि में निद्रा के पूर्व करने से अच्छी शांत नींद आती हैं।
- प्यास को कम करता हैं।
- भूक को कम करता हैं।
- गर्मी के दिनों में शरीर को ठंडक पहुचाने में सहायक हैं।
- रक्तचाप को कम करने में सहायक हैं।
- Acidity / अम्लपित्त और पेट के ulcer को कम करता हैं।
- हृदयरोग में उपयोगी हैं।
- पाचन को ठीक करता हैं।
- जिन लोगो के दांत टूटे हैं उनके लिए यह अभ्यास संभव नहीं हैं। वे शीतली प्राणायाम करे।
शितकारी प्राणायाम से सम्बंधित महत्वपूर्ण और व्यवहारिक जानकारी उपलब्ध कराई है आपने डॉक्टर साब !
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