पवनमुक्तासन – गैस और कब्ज से छुटकारा दिलानेवाला योगासन

pawanmuktasana gas release pose steps benefit in Hindi

पवनमुक्तासन (Pawanmuktasana) या अंग्रेजी में जिसे Gas Release Pose कहा जाता हैं, यह अपने नाम के भांति ही लाभकारी आसान हैं। पवनमुक्तासन का अर्थ होता है पवन या हवा को मुक्त करना। इस आसन को करने से कब्ज और गैस के कारण पेट में जमा हुआ वायु / गैस आसानी से निकलता हैं।

पवनमुक्तासन की विधि, लाभ और सावधानी संबंधी जानकारी निचे दी गयी हैं :

पवनमुक्तासन कैसे करे (Pawanmuktasana steps in Hindi)

  1. सर्वप्रथम एक स्वच्छ और समतल स्थान पर दरी, चटाई या योगा मेट को बिछा दे।
  2. अब इसपर सीधे शवासन में लेट जाये।
  3. सीधे लेटने के बाद दाए पैर को घुटनो से मोड़कर छाती पर रखे।
  4. दोनों हाथों को, उंगलियां एक दूसरे में डालते हुए घुटने को पकड़कर रखे।
  5. श्वास बाहर निकालते हुए घुटने को दबाकर छाती से लगाये एवं सिर को उठाते हुए घुटने से नासिका (Nose) से स्पर्श करे।
  6. कुछ देर करीब 10 से 30 सेकंड तक श्वास को बाहर रोकते हुए इस स्तिथि में रहकर फिर पैर को सीधा कर दे।
  7. इस तरह 2 से 5 बार तक करे।
  8. इसी तरह दूसरे पैर से करे।
  9. अंत में दोनों पैरों से एक साथ इस अभ्यास को करना चाहिए। यह एक चक्र पूरा हुआ। इस प्रकार आप अभ्यास के साथ 3 से ६ चक्र कर सकते हैं।
  10. दोनों पैर को पकड़ते हुए कमर की मालिश भी कर सकते हैं। शरीर को आगे-पीछे दायें-बाए लुढ़का भी सकते हैं।
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पवनमुक्तासन योग के फायदे (Pawanmuktasana benefits in Hindi)

  1. गैस से पीड़ित रोगियों के लिए यह यथा नाम लाभकारी हैं।
  2. इस आसन को करने से पेट के अंग जैसे के स्वादुपिंड (Pancreas), आमाशय (Stomach) और यकृत (Liver) इत्यादि अंग सक्रीय होते हैं।
  3. पाचन प्रणाली मजबूत होती हैं।
  4. पेट फूलना और कब्ज की समस्या से राहत मिलती हैं।
  5. पेट के और कमर के स्नायु मजबूत होते हैं।
  6. महिलाओं में मासिक कम आना या मासिक के समय पेट दर्द की समस्या के लिए लाभकारी हैं।
  7. हृदयरोग, एसिडिटी, गठिया और कमर दर्द से पीड़ित रोगियों में फायदेमंद हैं।
  8. पेट की बड़ी हुई चर्बी और मोटापे को कम करता हैं।
  9. महिलाओ में प्रसव के बाद गर्भाशय को वास्तविक स्तिथि में लाने में और बढे हुए पेट को कम करने में मदद करता हैं।
  10. हाथ, पैर, पीठ, कमर और पैर के स्नायु के साथ मेरुदण्ड को मजबूती मिलती हैं।
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पवनमुक्तासन सावधानी

  1. कमर दर्द अधिक है तो सर उठाकर नासिका को घुटने से स्पर्श न करे। केवल पैरो को दबाकर छाती से दबाना पर्याप्त हैं।
  2. गर्भावस्था,हर्निया, अति उच्च रक्तचाप, स्लिप डिस्क, अंडकोष विकार, गर्दन और पीठ के विकार और पेट के आपरेशन के बाद इत्यादि स्तिथि यह योग न करे त्त्व अपने डॉक्टर की सलाह लेकर ही करे।
  3. खाना खाने के तुरंत बाद यह आसन न करे।
पवनमुक्तासन यह एक सरल और लाभकारी आसन है। सुबह खाली पेट करने पर इसका ज्यादा लाभ होता हैं।
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