हलासन योग की विधि और फायदे

halasana steps and benefits in Hindi

हलासन करते समय शरीर का आकार, किसानों द्वारा जमीन जोतने के लिए उपयोग में लाये जानेवाले उपकरण ‘हल’ के समान होने के कारण इस आसन को हलासन यह नाम दिया गया हैं। आप इसे कई समस्या का हल मतलब solution भी समझ सकते हैं।

अंग्रेजी में इस Yoga को ‘Plow Pose‘ कहा जाता हैं। Weight loss करना और Spine को मजबूत, लचीला बनाने के लिए एक उत्तम yoga हैं। पेट की चर्बी को कम करने के साथ ही Diabetes के रोगी में Insulin का secretion बढ़ाने में भी यह yoga मदद करता हैं।

हलासन की विधि, लाभ और सावधानी की जानकारी निचे दी गयी हैं :

हलासन योग कैसे करे ? (Halasana Yoga steps in Hindi)

हलासन योग करने की विधि इस प्रकार हैं :
1. एक स्वच्छ और समतल जगह पर दरी या चटाई बिछा दे। 
2. सर्वांगासन की शुरुआत की तरह जमीन पर पीठ के बल लेट जाए। 
3. दोनों पैरों को एक दुसरे से मिलाकर रखना हैं। 
4. हथेलियों को कमर के पास जमीन से सटाकर रखे। 
5. मुंह आकाश की ओर रखे और आँखों को बंद कर दे। शरीर को ढीला रखे। 
6. अब श्वास अंदर ले और पेट को सिकुड़कर पैरों को उठाना चालू करे। 
7. दोनों पैरों का शरीर से समकोण (90 degree angle) बनने पर श्वास छोड़े। 
8. सर्वांगासन की स्तिथि में आने के बाद दोनों पैरो को सिर के पीछे जमीन पर टिकाने का प्रयास करे। 
9. कमर और पीठ को पीछे झुकाने के लिए हाथों का सहारा ले। हाथ कुंहनियो (elbow) से सीधे रखते हुए पीठ के पीछे जमीन से लगाकर रखे। 
10. अपने क्षमतानुसार इस स्तिथि में रुकने के बाद, धीरे-धीरे पीठ और पैर को जमीन से लगाना शुरू करे। 
11. संपूर्ण आसन में घुटनों को मोड़ना नहीं हैं। 

हलासन योग के क्या फायदे है ? (Halasana Yoga benefits in Hindi)

हलासन के फायदे इस प्रकार है :
1. पाचन और प्रजनन : पाचन प्रणाली और प्रजनन प्रणाली को मजबूत बनाता हैं। 
2. मोटापा : पेट पर जमी अतिरिक्त चर्बी को कम करता हैं। वजन कम करने में सहायक हैं। 
3. मधुमेह : मधुमेह के मरीजो के लिए लाभदायक हैं।  
4. मजबूत स्नायु : गर्दन, कंधे, पेट, पीठ और कमर के स्नायु मजबूत बनते हैं। 
मेरुदंड मजबूत और लचीला बनता हैं। 
5. बहूपयोगी : रजोनिवृत्ति (Menopause), अनिद्रा (Insomnia), बाँझपन (Infertile), सिरदर्द (Sinusitis) और थाइरोइड के विकार में यह आसन करने से लाभ मिलता हैं।  

हलासन में क्या सावधानी बरतना चाहिए ?

अयोग्य : निचे दिए हुए रोगों से पीड़ित व्यक्तिओ ने यह आसन नहीं करना चाहिए :
1. उच्च रक्तचाप – High BP 
2. चक्कर आना – Vertigo 
3. कमर दर्द – Lumbar Spondylitis 
4. गर्दन में दर्द – Cervical Spondylitis 
5. हड्डी में क्षय रोग – Bone TB 
6. हृदयरोग – Heart disease 
7. गर्भावस्था – Pregnancy 
8. मासिक धर्म के प्रथम 2 दिन – Mensturation 

मोटापा : अत्यधिक मोटापा होने पर शुरुआत में कठिनाई हो सकती हैं इसलिए क्षमतानुसार धीरे-धीरे प्रयास करे।

संयमित : पैर को ऊपर, पीछे और निचे लाते समय धीरे-धीरे क्रिया करनी है और पैरो को झटका नहीं देना हैं। 

स्पाइन : कमर दर्द, गर्दन दर्द या मेरुदंड में कोई तकलीफ होने पर अपने डॉक्टर की सलाह लेकर यह आसन करे। 

हलासन का अधिक लाभ लेने के लिए हलासन करने के बाद आप मत्स्यासन भी कर सकते हैं। योगासन करते समय किसी भी तरह की तकलीफ होने पर योग विशेषज्ञ और डॉक्टर की सलाह लेना चाहिए।

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