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विपरीत करनी मुद्रासन - विधि, लाभ और सावधानी

विपरीत करनी मुद्रासन - विधि, लाभ और सावधानी विपरीत करनी मुद्रासन - विधि, लाभ और सावधानी
अगर आप रोजाना चिड़चिड़े उदास या तनाव में रहते हैं और हार्मोन संबंधी समस्या भी है तो ऐसे में #विपरीत करनी मुद्रासन या जिसे अंग्रेजी में Legs up the wall कहा जाता हैं, लाभकारी हो सकता है। मानसिक तनाव और चिंता को दूर कर मन को शांत करने के लिए यह एक उपयोगी योग हैं। शरीर को बलशाली बनाने, बुढ़ापे को दूर रखने और कामशक्ति (सेक्स पॉवर) बढ़ाने के लिए यह श्रेष्ठ आसन माना जाता हैं।   

विपरीत करनी मुद्रासन की विधि, लाभ और सावधानी से जुडी अधिक जानकारी निचे दी गयी हैं :
Viparita-Karani-Yoga-Asana-steps-benefits-hindi-language

विपरीत करनी मुद्रासन की विधि 

  • एक समान। सपाट और स्वच्छ जगह पर दरी / चटाई या योगा मैट बिछाये। 
  • अब इस पर पीठ के बल सीधे लेटे। 
  • दोनों हाथों को सीधा रखें। 
  • सांस लेते हुए घुटनों को ऊपर की ओर मोड़ो। 
  • दोनों हाथों को कूल्हों (Hips) के नीचे लाएं व कोहनी (Elbow) को फर्श पर टिका कर रखें। 
  • अब हाथों की सहायता से पैरों को ऊपर की तरफ सीधा उठाएं। 
  • सामान्य सांस लेते हुए क्षमता अनुसार रुके।  
  • सांस छोड़ते हुए घुटनों को माथे की ओर मोड़े  व धीरे-धीरे सामान्य मुद्रा में आ जाएं। 
  • इसे दो से तीन बार दोहराएं। 
  • इस आसन के पश्च्यात शवासन करे। 
  • इस आसन को आप दीवार का सहारा लेकर भी कर सकते हैं। 
विपरीत करनी मुद्रासन के लाभ 
  • यह आसन निम्न रक्तचाप (Low BP), पैरों में सूजन, नाडी के रोग, ग्रंथि की सक्रियता में कमी, पेट व किडनी संबंधी रोगों में आराम पहुंचाकर उर्जा और रक्त संचार को बढ़ाता है। 
  • मानसिक तनाव दूर होता हैं। 
  • रक्त संचार सुचारू रूप से होता हैं। 
  • खासकर महिलाओं में अनियंत्रित हॉर्मोन की समस्या को दूर करने के लिए बेहद उपयोगी आसन हैं।  
  • रोग प्रतिकार शक्ति बढ़ती हैं। 
  • बुढ़ापे को दूर भगाने और सेक्स पॉवर बढ़ाने के लिए श्रेष्ठ आसन माना जाता हैं। 
  • शरीर की थकावट दूर होती हैं। 
विपरीत करनी मुद्रासन में सावधानी 
  • 14 साल से कम उम्र के बच्चे यह अभ्यास ना करें। 
  • इसे सुबह खाली पेट ही करें 
  • उच्च रक्तचाप (High BP), चक्कर आने व रीड की हड्डी में तकलीफ होने पर इसका अभ्यास ना करें। 
  • महिलाओं ने मासिक धर्म के समय और गर्भावस्था में यह आसन नहीं करना चाहिए। 
किसी भी योग को करते समय उसे अपने क्षमतानुसार ही करे और धीरे-धीरे अभ्यास को बढ़ाना चाहिए। आसन करते समय कोई परेशानी होने पर योग विशेषज्ञ की सलाह लेना चाहिए। अपने शरीर को सशक्त, स्वस्थ और युवा बनाये रखने के लिए इस योग का अभ्यास अवश्य करना चाहिए। 

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Image By Kennguru - Own work, CC BY 3.0, https://commons.wikimedia.org/w/index.php?curid=25223503
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गुरुवार, अगस्त 25, 2016 2016-08-25T09:48:03Z

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