Pregnancy से जुड़े 17 भ्रम और उनकी सच्चाई

ईस लेख मे आप को यह जानकारी मिलेंगी hide
1) प्रेगनेंसी से जुड़े सवालों के जवाब (Pregnancy information in Hindi)

pregnancy se jude sabhi sawalo ke jawab

किसी भी महिला के Pregnancy मे  या पहली बार माँ बनने पर घर वाले, रिश्तेदार, पडौसी और यहाँ तक की मोहल्ले वाले भी उसे तरह-तरह की सलाह देने लगते हैं। लेकिन सही जानकारी के अभाव में कई बार यह सुझाव महिला के लिए परेशानी की सबब भी बन जाते हैं।  प्रेगनेंसी जैसे महत्वपूर्ण अवस्था में महिला को सभी बातों का ख्याल रखना बेहद जरुरी होता हैं। इस दौरान लिए गए किसी गलत फैसले से महिला और गर्भ में पल रहे बच्चे पर प्रतिकूल परिणाम पड़ सकता हैं।

आइए जानते हैं समाज में गर्भावस्था से पहले व डिलीवरी के बाद में जुड़े भ्रम और उनकी सच्चाई के बारे में।

प्रेगनेंसी से जुड़े सवालों के जवाब (Pregnancy information in Hindi)

1. जिन महिलाओं का पेट आगे की ओर बढ़ता है उन्हें लड़का होता हैं !

सच – यह एक बिलकुल गलत धारणा है और इसका लड़का या लड़की होने से कोई लेना देना नहीं हैं। गर्भावस्था में महिला के पेट का आकार बच्चे के विकास पर निर्भर करता हैं। कई बार मोटापे से ग्रसित महिला का पेट भी इस तरह बढ़ जाता हैं।

2. गर्भवती महिला को एक करवट पर नहीं लेटना चाहिए !

सच – गर्भवती महिला को जिस स्तिथि में सोना आरामदायी लगे वह उस स्तिथि / position में लेट सकती हैं। विशेषज्ञों की माने तो बाई करवट / Left lateral position में लेटने से गर्भ को Blood circulation अच्छी तरह से होता है और बच्चे का विकास भी बेहतर होता हैं।

3. Pregnancy में अधिक समय सोनेवाली महिला को लड़की होती हैं !

सच – Pregnancy में महिला के शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं जिससे महिला को जल्द थकान आती है और नींद भी आती हैं। इसका लड़का या लड़की होने से कोई संबंध नहीं हैं।

4. प्रेगनेंसी में दही नहीं खाना चाहिए क्योंकि इससे बच्चे पर सफ़ेद परत जम जाती हैं !

सच – प्रेगनेंसी में जब बच्चा समय से पहले / Premature पैदा होता है तो उस पर इस प्रकार की सफ़ेद परत जमा होती हैं जिसे कुछ लोग दही समझ लेते हैं। गर्भ में पल रहे बच्चे के सुरक्षा के लिए यह परत होती है और जैसा-जैसा बच्चा गर्भ में बड़ा होता हैं यह परत कम हो जाती हैं।

5. डिलीवरी के पहले भरपेट खाकर हॉस्पिटल जाना चाहिए !

सच – प्रसव पीड़ा शुरू होने पर महिला ने भरपेट नहीं खाना चाहिए। ऐसे समय हल्का खाना बेहतर रहता हैं। भर पेट खाने से उलटी होना, खाना अन्ननलिका से ऊपर आकर श्वास नलिका में फंसने का खतरा रहता हैं।

6. नारियल खाने से बच्चा गोरा होता हैं !

सच – प्रेगनेंसी में नारियल खाने से बच्चे का रंग प्रभावित नहीं होता हैं। ऐसे नारियल पौष्टिक होने के कारण आप गर्भवती महिला को जरूर दे सकते हैं।

7. घी खाने से डिलीवरी आसानी से होती हैं !

सच – घी खाने का डिलीवरी से कोई विशेष संबंध नहीं हैं। प्रेगनेंसी में जितना आवश्यक है उतना ही घी खाना चाहिए।

8. डिलीवरी के बाद कम पानी पीना चाहिए !

सच – डिलीवरी के समय महिला का काफी सारा रक्त निकल सकता है जिससे ब्लड प्रेशर कम होने का खतरा भी रहता हैं। डिलीवरी के बाद महिला ने पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए जिससे ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है, कब्ज नहीं होती हैं और टाकों पर दबाव नहीं आता हैं।

9. नवजात बच्चे को माँ का दूध / स्तनपान एक दिन बाद ही कराना चाहिए !

सच – डिलीवरी के बाद माँ के स्तन से जो पहले पिला गाढ़ा दूध निकलता है उसे Colostrum कहते है। यह दूध बच्चे को अवश्य पिलाना चाहिए। इस दूध में कई सारे पौष्टिक तत्व और बच्चे की रोग प्रतिकार शक्ति बढ़ाने वाले एंटीबाडीज जैसी महत्वपूर्ण तत्व होते है। बच्चे को जन्म के पश्च्यात गाय का दूध या शहद देने की जगह यह दूध पिलाना चाहिए।

10. प्रसव के बाद डेढ़ महीने तक आराम करना चाहिए !

सच – प्रसव के बाद महिला को आराम अवश्य करना चाहिए पर अत्याधिक आराम करने से महिला को पैरो में सूजन, मोटापा, गैस, कब्ज और  पैर की नस में खून का थक्का जम जाना जैसी समस्या निर्माण हो सकती हैं। प्रसव के बाद नियमित सुबह शाम सैर और हल्का व्यायाम करने से यह तकलीफे नहीं होती हैं।

11. गर्भावस्था में महिला पूजा आदि नहीं कर सकती हैं !

सच – गर्भावस्था में महिला पूजा, हवन आदि हलके काम कर सकती है। महिला को अधिक परिश्रम वाले काम करने से बचना चाहिए।

12. क्या मासिक स्त्राव (MC) शुरू रहने के बाद भी प्रेगनेंसी रह सकती हैं ?

सच : गर्भावस्था में महिला को मासिक स्त्राव नहीं होता हैं। कभी-कभी सामान्य हल्का रक्तस्त्राव हो सकता है जिसे गलती से मासिक स्त्राव समझ लेते हैं। गर्भावस्था में रक्तस्त्राव होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।


13. अल्ट्रासाउंड / सोनोग्राफी से प्रेगनेंसी का पता जल्द से जल्द कब मालूम हो सकता हैं ?

सच : अल्ट्रासाउंड से प्रेगनेंसी के तीसरे से पांचवे हफ्ते तक पता चल सकता हैं। अगर पांचवे हफ्ते बाद भी सोनोग्राफी से प्रेगनेंसी की पृष्टि नहीं होती है और HCG की मात्रा 1100 से ऊपर रहती है तो डॉक्टर एक हफ्ते बाद दुबारा सोनोग्राफी की सलाह देते हैं। एक्टोपिक प्रेगनेंसी में सोनोग्राफी से प्रेगनेंसी का पता चलने में देर लग सकती हैं।

14. प्रेगनेंसी किट में हल्की दूसरी लाइन आने  का मतलब आप प्रेग्नेंट नहीं हैं ?

सच : प्रेगनेंसी की UPT KIT में पेशाब की बून्द डालने पर थोड़ी देर बाद एक या दो लाइन नजर आती हैं। पहली लाइन आने का यह मतलब होता है की यह प्रेगनेंसी की सही हैं और ख़राब नहीं हुआ हैं। प्रेगनेंसी की में दूसरी लाइन आने का मतलब आप प्रेग्नेंट हैं। दूसरी लाइन चाहे डार्क हो या हल्की, दूसरी लाइन थोड़ी भी दिखाई देना का मतलब की महिला प्रेग्नेंट हैं।

15. गर्भावस्था में महिला का पेट कब बड़ा होना चाहिए ?

सच : गर्भावस्था में महिला का पेट कब बड़ा होना चाहिए इसका कोई विशेष नियम नहीं हैं। सामान्यतः पहली प्रेगनेंसी में महिला का पेट १२ से १६ हफ्ते में बढ़ना शुरू हो जाता हैं। अगर आपकी दूसरी प्रेगनेंसी है तो इसमें थोड़ा अधिक समय लगता है क्योंकि की आपके गर्भाशय के स्नायु पहली प्रेगनेंसी में खींचे जा चुके होते हैं।

16. प्रेगनेंसी में बुखार आने पर paracetamol गोली खा सकते हैं ?

सच : Paracetamol प्रेगनेंसी में सुरक्षित दवा है पर यह दवा आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेकर ही लेना चाहिए। अधिक dose में यह दवा लेने पर आपको नुकसान हो सकता हैं। कुछ लोगों को इस गोली से reaction भी आ सकता हैं। गर्भावस्था में कोई भी दवा हमेशा अपने डॉक्टर को दिखाकर ही लेना चाहिए।

17. डायबिटीज होने पर महिला कितने आयु तक प्रेग्नेंट हो सकती हैं ?

सच: डायबिटीज हो या ना होना महिला अगर 30 वर्ष आयु के पहले गर्भावस्था को प्राप्त होती है तो महिला और होनेवाले बच्चे को कोई तकलीफ होने की आशंका कम होती हैं। 30 वर्ष के बाद प्रेग्नेंट होने पर प्रेगनेंसी में जटिलताए बढ़ जाती हैं। ऐसे डायबिटीज होने पर महिला 35 वर्ष की आयु तक प्रेग्नेंट हो सकती हैं। 35 वर्ष के पश्च्यात प्रेगनेंसी में काफी complications होते हैं।

गर्भावस्था यह महिला के जीवन का एक अत्यंत महत्वपूर्ण पड़ाव है और ऐसे समय किसी के बातों में आकर कोई फैसला लेना या भ्रम पालने से अच्छा है की समय-समय पर अपने डॉक्टर से जांच कराये और अपने मन में उठ रहे सभी छोटेबड़े सवालों का सही जवाब प्राप्त करे।

यह जानकारी रायपुर से डॉ प्रीतम कोठारी जी ने ईमेल द्वारा भेजी हैं। निरोगिकाया ब्लॉग और सभी पाठकों की ओर से उनका बहोत-बहोत धन्यवाद !

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