माँ का दुध नवजात शिशु के लिए अमृत समान होता है। बच्चे का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का आधार माँ का दूध ही होता है। हेवल एलिस के अनुसार ' बालक के लिए माँ के दूध का महत्व है वह किसी अन्य प्रकार से प्राप्त नही किया जा सकता है। '
माँ के दूध में बच्चे के विकास के लिए जरूरी सारे पोषक तत्व मौजूद होते है, जिससे की बच्चा स्वस्थ और निरोगी रह सके। पहिले 6 महीने तक केवल स्तनपान लेने वाले बच्चा सामान्य बिमारी से तो दूर रहता हे साथ ही उसमे रोगों से लड़ने की शक्ति भी बढ़ती है।
माँ के 100 ml दूध में नीचे दिए हुए महत्वपूर्ण घटक द्रव्य होते हैं :
स्तनपान ना केवल बच्चे के लिए बल्कि माता के लिए भी फायदेमंद होता है। आइये, जानते है स्तनपान के स्वास्थ्यवर्धक लाभ के बारें में :
माता के लिए
स्तनपान कराना बच्चे के साथ साथ माँ के सेहत के लिए भी वरदान होता है।
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माँ के दूध में बच्चे के विकास के लिए जरूरी सारे पोषक तत्व मौजूद होते है, जिससे की बच्चा स्वस्थ और निरोगी रह सके। पहिले 6 महीने तक केवल स्तनपान लेने वाले बच्चा सामान्य बिमारी से तो दूर रहता हे साथ ही उसमे रोगों से लड़ने की शक्ति भी बढ़ती है।
नवजात बच्चों को स्तनपान कराना बेहद जरुरी होता हैं। स्तनपान कैसे कराये, स्तनपान का महत्व और स्तनपान के विविध लाभ संबंधी अधिक जानकारी नीचे दी गयी हैं :
माँ के दूध के घटक
Contents of Breast Milk in Hindiमाँ के 100 ml दूध में नीचे दिए हुए महत्वपूर्ण घटक द्रव्य होते हैं :
- 3 से 5 % फैट,
- 0.8 से 0.9 % प्रोटीन्स,
- 6.9 से 7.2 % कार्बोहाइड्रेट्स लैक्टोज के रूप में,
- 0.2 % मिनरल्स,
- एनर्जी 60 से 75 kcal होती हैं।
- महत्वपूर्ण एंटीबॉडीज
स्तनपान के क्या लाभ हैं ?
Health Benefits of #Breastfeeding for Infants and Mother in Hindiस्तनपान ना केवल बच्चे के लिए बल्कि माता के लिए भी फायदेमंद होता है। आइये, जानते है स्तनपान के स्वास्थ्यवर्धक लाभ के बारें में :
माता के लिए
स्तनपान कराना बच्चे के साथ साथ माँ के सेहत के लिए भी वरदान होता है।
- नियमित रूप से स्तनपान कराने से गर्भावस्था में हुए शारीरिक बदलाओं को ठीक करने में मदत मिलती है।
- स्तनपान प्रसव पीड़ा को भुलाकर अपने बच्चे के दुलार में खोने मे मदत करता है।
- माँ का बेटे से रिश्ता गहरा होता है।
- स्तनपान प्रसवोत्तर खून की कमी को नियंत्रित करता है।
- स्तनपान के दौरान मासिक चक्र देरी से आता है जिससे स्त्रीबीज जनन शक्ति याने पुनश्च माँ बनने की अवधि बढ़ती है, इसे ही Lactational Amenorrhea कहते है।
- स्तन कैंसर एवम गर्भाशय और स्तन के कैंसर का खतरा कम होता है।
- जब तक स्तनपान कराओ वजन भी नियंत्रित रहता है। उचित मात्रा में स्तनपान कराते समय प्रतिदिन करीब 500 कैलोरीज बर्न होती है जिससे की मोटापे का खतरा कम होता है।
- स्तनपान काफी किफायती होता है। फार्मूला मिल्क से होने वाले खर्चे से राहत मिलती है।
- बोटल का दूध बारबार बनाना, बोटल को बारबार धोना, क्लीन रखना आदि झंझटो से मुक्ति मिलती है।
बच्चों के लिए
बच्चो के लिए स्तनपान के लाभ की जानकारी निचे दी गयी हैं :
- स्तनपान करने वाले बच्चे फार्मूला मिल्क लेने वाले बच्चों से कहीं अधिक हेल्थी होते है।
- स्तनपान में बोटल के दूध से होनेवाले पेट के इन्फेक्शन का खतरा साथ ही रोटा वायरस के संक्रमण का खतरा कम होता है।
- नियमित रूप से स्तनपान लेने वाले बच्चों में सर्दी कफ, न्यूमोनिया और डायरिया जैसी बीमारी होने का खतरा कम होता है। साथ ही अस्थमा ,फूड एलर्जी, सिलियाक डिसीज़, टाइप 2 डायबिटीज और लुकेमिया जैसी बीमारियां भी कम मात्रा में होती है।
- दूध में कैल्शियम होने से बच्चे की हड्डियां मजबूत होने में मदत मिलती है।
- स्तनपान से कृत्रिम दूध से होने वाले एलर्जी से राहत मिलती है।
बच्चों को स्तनपान कैसे और कब कराये ?
How to breast feed baby in Hindi
बच्चों को स्तनपान कैसे करे इसकी जानकारी नीचे दी गयी हैं :
इस तरह स्तनपान नवजात के लिए आदर्श पोषण होता है। यह बच्चे की इम्यून सिस्टम स्ट्रांग करके सुरक्षा कवच की भाँति कार्य करता है।How to breast feed baby in Hindi
बच्चों को स्तनपान कैसे करे इसकी जानकारी नीचे दी गयी हैं :
- स्तनपान बेबी के जन्म के तुरन्त बाद 10 min में शुरू करे।
- बच्चों को स्तनपान कराते समय उनके सिर का भाग बाकी शरीर से ऊपर रखना चाहिए।
- बच्चे को स्तनपान कराते समय अगर बच्चा सो जाये तो उसके कान को सहलाना चाहिए जिससे वो दुबारा फीडिंग कर सके।
- स्तनपान कराने के बाद बच्चे को कंधे पर सीधा ऐसा रखे की पेट का भाग कंधे पर रहे जिससे दूध पीते समय जो हवा पेट में गयी है वह डकार के साथ बाहर निकल सके।
- बच्चे को 6 महीने तक सिर्फ और सिर्फ स्तनपान कराये।
- 6 महीने तक विटामिन डी के अलावा और कोई भी आहार जैसे की शक्कर, शहद, ग्राईप वाटर , नारियल पानी या कोई दवाई देने की आवश्यकता नहीं होती है।
- स्तनपान शुरू करने पर प्रथम 3 से 4 दिन तक जो गाढ़ा और कम मात्रा में द्रव निकलता है उसे कॉलेस्ट्रम कहते है, यह एंटीबाडीज, प्रोटीन्स से भरपूर होता है। यह नवजात शिशु को बीमारियो से बचने के लिए प्रतिकारक्षमता बढ़ाता है।
- इसमें शूगर की मात्रा कम होती है इसलिए इसकी कम मात्रा भी नवजात शिशु के लिए काफी होती है। इसे बच्चे को अवश्य पिलाये।
- 3 से 4 दिन के पश्चात जो दूध निकलता है वो मात्रा में अधिक, पतला होता है, उसमे शूगर की मात्रा भी ज्यादा रहती है, क्योंकि अब बच्चे को ज्यादा कैलोरीज और ज्यादा दूध की आवश्यकता होती है ताकि उसका विकास तेजी से हो सके।
- वैसे तो सामान्य तौर से हर 2 घण्टे में स्तनपान कराये लेकिन 1 मान्यता यह भी है की बेबी जितनी बार और जितना चाहे उतना स्तनपान कराये। कभी कभी यूरिन या पॉटी के वजह से 2 घण्टे के भीतर भी उसे भूक लग सकती है।
- सामान्यतः दिन में 8 से 12 बार स्तनपान कराये। बच्चा जैसे-जैसे बड़ा होगा वैसे-वैसे स्तनपान की मात्रा कम होती जाएगी।
- एक बार फिर स्तनपान शुरू कर दे तो इसे 1 से 2 वर्ष तक हम बच्चों को दे सकते हैं।
- 6 महीने के बाद ऊपर के पौष्टिक आहार के साथ स्तनपान भी देते रहे।
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