उत्कटासन योग की विधि और फायदे | Chair Pose in Hindi

उत्कटासन Chair Pose योग की विधि और फायदे small

उत्कटासन करते समय शरीर का आकर खुर्ची के समान होने के कारण इसे कुर्सी आसन या Chair Pose नाम से भी जाना जाता हैं। उत्कट का मतलब होता है शक्तिशाली। यह आसन करने से सम्पूर्ण शरीर और खास कर पैर शक्तिशाली बनते है, इसलिए इसे उत्कटासन यह नाम दिया गया हैं।

ऐसे तो यह आसन सभी आयु के लोगो को लिए बेहद उपयोगी है पर बुजर्गों के लिए यह विशेष लाभकर हैं। उत्कटासन की विधि, लाभ और सावधानी से जुडी अधिक जानकारी निचे दी गयी हैं :

उत्कटासन योग कैसे करे ?

1. सर्वप्रथम एक स्वच्छ और समतल जगह देखकर वहां पर एक दरी, चटाई या योगा मेट बिछा दे।
2. अब इस पर सावधान मुद्रा में खड़े हो जाये।
3. आप अपने सुविधानुसार दोनों पैर साथ में लगाकर या 6 इंच की दुरी पर अलग रख सकते हैं।
4. अब अपने दोनों हाथों को कन्धों के बराबर में जमीन के समान्तर रख सामने की ओर रखे।
5. अब धीरे-धीरे सांस लेते हुए घुटनों को मोड़कर इस अवस्था में बैठे जैसे खुर्सी पर बैठते हैं।
6. इस अवस्था में सांस रोक कर रखे और अपने क्षमतानुसार इसी अवस्था में रुके।
7. अब सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे फिर से पहली अवस्था में खड़े हो जाये।
8. आप चाहे तो इस आसन का अच्छे से अभ्यास होने के बाद अपने एडी को उठाकर भी यह आसन कर सकते है।
9. हाथो को सामने समतार रखने की जगह ऊपर उठाकर भी रख सकते हैं।
10. यह एक चक्र हुआ। इस प्रकार अभ्यास के साथ अपने क्षमतानुसार करते रहे और धीरे-धीरे चक्र की संख्या बढ़ाते रहे।

उत्कटासन के क्या फायदे हैं ?

1. मजबूत पैर : यह आसन नियमित करने से आप के पैर शक्तिशाली बनते हैं।
2. मोटापा : वजन को कम करने के लिए यह बेहद उपयोगी हैं। जांघ, कमर और पेट पर जमी अतिरिक्त चर्बी गायब होना शुरू होती हैं।
3. वीर्य : इस आसन से अनियंत्रित वीर्यपात नहीं होता और वीर्य में दृढ़ता आती हैं।
4. मासिक धर्म : महिलाओं में मासिक धर्म से जुडी समस्या कम होती हैं।
5. वात रोग : इस आसन से वायुदोष दूर होता हैं।
6. पाचन रोग : गैस, कब्ज, अपचन, एसिडिटी और बवासीर की समस्या कम होती हैं।
7. सुडौल शरीर : आपके नितंब (Hips) और जांघ (Thighs) आकर्षक बनते हैं।

उत्कटासन में क्या सावधानी बरतें ? 

1. यह आसन खाली पेट ही करना चाहिए। अगर खाने के बाद करना है तो खाने के 3 घंटे बाद करे।
2. ह्रदय रोग के रोगी इस आसन में अधिक समय तक सांस रोककर न रखे।
3. पैरों में चोट या ऑपरेशन हुआ है तो यह आसन न करे।
4. अगर आपका ब्लड प्रेशर कम रहता है तो पहले कपालभाती करे और फिर यह आसन करे।
5. मासिक के समय,गर्भावस्था में या चक्कर आने पर यह आसन न करे।

उत्कटासन यह एक सरल और बहुउपयोगी आसन हैं। आसन करते समय कोई परेशानी होने पर योग विशेषज्ञ या डॉक्टर की राय अवश्य लेना चाहिए।

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