हमारे पुरखों और महर्षियों ने हमेशा से श्वास लेने की आदतों पर विशेष
ध्यान दिया हैं। श्वास ही प्राण है और इसीलिए हम Oxygen को भी प्राणवायु कहते हैं। सदियों से हमारी संस्कृति और रोजमर्रा के जीवन में प्राणायाम इसीलिए प्रभावी माना
गया हैं। अब तो विदेशी भी मानने लगे है की, यदि हमें अच्छा स्वास्थ्य और जीवन चाहिए
तो अपनी हर एक श्वास पर ध्यान देना चाहिए।
अपनी आने-जाने वाली श्वास पर ध्यान देने
से न सिर्फ हम शरीरिक बल्कि मानसिक विकारों से दूर रह सकते हैं। श्वास हमारे तनाव
बैचेनी और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित कर सकती हैं अच्छी श्वास हमारे तन और मन में
क्या आश्चर्यजनक बदलाव ला सकती है।
प्राणायाम और ध्यान करने से हमें क्या विशेष लाभ मिल सकता हैं इसकी अधिक जानकारी निचे दी गयी हैं :
प्राणायाम और ध्यान करने से हमें क्या विशेष लाभ मिल सकता हैं इसकी अधिक जानकारी निचे दी गयी हैं :
गहरी सांस (प्राणायाम) लेने के विशेष स्वास्थ्य लाभ
- दिमागी क्षमता / Brain : जब हम प्राणायाम और ध्यान के माध्यम से अपनी सांसों को नियंत्रित करते हैं तो वास्तव में इससे हमारे मस्तिष्क के आकार में विस्तार होता हैं। अमेरिका में हुए अध्ययन में यह पता चला है की जब हम ध्यान / मैडिटेशन में अपनी हर सांस में ध्यान लगाते हैं तो हमारे मस्तिष्क के Cortex हिस्से में बढ़ोतरी होती हैं। अच्छी नींद के बाद गहरी सांस लेने का अभ्यास दिमागी क्षमता को बढाता हैं।
- दिल की धड़कन / Heartbeat : दिल की दो धडकनों के बिच जब असामान्य अंतर होता है उसे Heart Rate Variablility (HRV) नाम से जाना जाता हैं। इसमें दिल के दौरा आने का अंदेशा अधिक होता हैं। गहरी सांस प्राणायाम करने से इस स्तिथि को सुधारा जा सकता है और दिल की सेहत को अच्छी रखी जा सकती हैं।
- तनाव में कमी / Stress : अगर हम कमजोर सांस लेते है तो तनाव में हमारे शरीर की प्रतिरक्षा भी कमजोर हो जाती हैं यदि तनाव की स्तिथि में केवल साँसों पर ध्यान लगाया जाये तो मन की व्यग्रता कम हो जाती हैं। विशेषज्ञों का कहना है की ऐसा इसलिए होता हैं क्योंकि गहरी सांस लेने से हमारा नर्वस सिस्टम उत्तेजना, प्रेरणा वाली sympathetic स्तिथि से para sympathetic स्तिथि में चला जाता है जो की आराम और प्राप्ति की स्तिथि हैं प्राणायाम करने से शरीर में तनाव कम करने वाले हॉर्मोन अधिक निर्माण होता हैं।
- नकारात्मकता से मुक्ति / Positivity : अधिकांश लोग जब पीड़ा या तनाव में होते हैं तो उनकी साँसे उकडी रहती हैं विशेषज्ञ कहते है की किसी भी खतरे के प्रति यह हमारे शरीर की कुदरती प्रतिक्रिया होती हैं। अपनी साँसों पर ध्यान केन्द्रित करने के किसी भी व्यायाम से हमारे तन से बैचेनी, अवसाद, गुस्से और घृणा से भरे नकारात्मक विचारों को दूर करने में मदद मिलती हैं।
- सयंम / Patience : अच्छी तरह से सांस लेना सिखाना यह बच्चों और प्रोफेशनल के लिए बेहद फायदेमंद हो सकता हैं। जो बच्चे अपने परीक्षा के पहले गहरी सांस लेना सिख जाते हैं उनका ध्यान बढ़ता है और याद किये हुए पाठ को दोहराने की योग्यता सुधरती हैं।
- ब्लड प्रेशर / Blood Pressure : हर रोज महज कुछ मिनटों के लिए किये हुए प्राणायाम और ध्यान से काफी हद तक आपके ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद होती हैं। वैज्ञानिकों ने अपने शोध में पाया है की गहरी सांस लेने से शरीर शांत स्तिथि में आता हैं ऐसा होने से रक्त वाहिनी अस्थायी रूप से खून को पुरे शरीर में नियंत्रित दबाव के साथ पहुचने में मदद मिलती हैं।
- जिन में सकारात्मक परिवर्तन / Genetic : यह सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण बदलाव है तो सचमुच इस तरह होता है की हमें पता ही नहीं चलता। संभवतया इसके अच्छे परिणाम हमें हमारे आनेवाली पीढ़ियों में नजर आते हैं विभिन्न शोध, अध्ययन और महर्षियों के अनुभवों से पता चलता है की योग, प्राणायाम और ध्यान के माध्यम से साँसों की गति को नियंत्रित करने से हमारी जेनेटिक संरचना में प्रभावी बदलाव आते हैं। इसमें केवल तन ही नहीं बल्कि हमारे मन के स्तर पर भी परिवर्तन होते हैं। हमारे अच्छे जींस ज्यादा संवेदनशील बनते है और ऐसी क्रियाओं को बढ़ावा मिलता हैं जो न केवल शरीर बल्कि आने वाली संतति के लिए भी अच्छी होती हैं।
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