Osteoporosis यह Bones में Calcium की कमी के कारण हड्डियों के भंगुर (अस्थि-सुषिरता) होने की स्तिथि का नाम हैं। Osteoporosis के कारण हड्डिया छिद्रपूर्ण और कमजोर हो जाती हैं। ज्यादातर 40 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तिओ में हड्डी टूटने / Fracture होने का मुख्य कारण Osteoporosis ही होता हैं।
Osteoporosis संबंधी अधिक जानकारी निचे दी गयी हैं :
- Osteoporosis क्या होता हैं ? Osteoporosis in Hindi
- Osteoporosis होने का क्या कारण हैं ? Causes of Osteoporosis in Hindi
- Osteoporosis का निदान (Diagnosis) कैसे किया जाता हैं ?
- Osteoporosis का उपचार और बचने के उपाय
Osteoporosis संबंधी अधिक जानकारी निचे दी गयी हैं :
Osteoporosis का कारण, लक्षण और उपचार Osteoporosis Symptoms, Cause and Treatment in Hindi
Osteoporosis क्या होता हैं ? Osteoporosis in Hindi
अस्थि (हड्डी) बनने की अपेक्षा उसका घिसना ज्यादा होने से, हड्डी की घनता (ठोसता) कम हो जाने की स्तिथि को Osteoporosis कहते हैं। ऐसी स्तिथि में हड्डी की टूटने (Fracture) होने का खतरा अधिक होता हैं। Calcium और Vitamin D की कमी और व्यायाम के अभाव यह Osteoporosis होने के मुख्य कारण हैं। ऐसा भी हो सकता हैं आपको Osteoporosis लंबे समय से हो और यह बात आपको हड्डी टूटने के बाद पता चले। हमारे शरीर को कैल्शियम की जरुरत होती है और आवश्यक मात्रा न मिलने पर यह हड्डियों से लेना शुरू कर देती हैं। कैल्शियम की कमी से हड्डिया कमजोर होने लगती है और फ्रैक्चर होने की आशंका बढ़ जाती हैं।Osteoporosis होने का क्या कारण हैं ? Causes of Osteoporosis in Hindi
Osteoporosis होने का निम्नलिखित कारण हैं :- उम्र : 50 वर्ष से अधिक आयु के महिलाओ में Osteoporosis अधिक पाया जाता हैं। रजोनिवृत्ति के बाद हार्मोनल बदलाव के कारण हड्डी में कैल्शियम की कमी आ जाती हैं। रजोनिवृत्ति के बाद एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी के कारण हड्डी के घनत्व में कमी आ जाती हैं।
- अनुवांशिकता : जिन लोगो के माता-पिता को Osteoporosis होता है उनके बच्चो को Osteoporosis होने का खतरा अधिक रहता हैं।
- जीवनशैली : व्यायाम न करने वाले, आलसी और निष्क्रिय व्यक्तिओ में Osteoporosis का प्रमाण अधिक होता हैं।
- हार्मोन : महिलाओ में कम एस्ट्रोजन हार्मोन और पुरुषो में टेस्टोंस्टेरोन की कमी के कारण Osteoporosis होने का खतरा अधिक रहता है।
- कैल्शियम : आहार में कैल्शियम (Calcium) की कमी के कारण शरीर को पर्याप्त कैल्शियम की आपूर्ति न होने पर हड्डी में से कैल्शियम का उपयोग किया जाता है। इस कारण Osteoporosis होने का खतरा बढ़ जाता हैं।
- वजन : जिन लोगो का वजन सामान्य से कम है ऐसे लोगो में कुपोषण की वजह से Osteoporosis होने का खतरा अधिक रहता हैं।
- मासिक धर्म : कम आयु में मासिक धर्म का बंद हो जाना यह भी Osteoporosis का कारण हैं।
- व्यसन : धुम्रपान और अधिक मात्रा में शराब / मदिरापान करने से Osteoporosis हो जाता हैं।
- बीमारी : किडनी और थाइरोइड के रोग जैसे की Hyperthyroidism में Osteoporosis जल्द हो जाता हैं।
- दवा : अस्थमा, Epilepsy, नींद की गोली, कैंसर, स्टेरॉयड और हार्मोनल दवा लेने से Osteoporosis होने का खतरा बढ़ जाता हैं।
Osteoporosis का निदान (Diagnosis) कैसे किया जाता हैं ?
Osteoporosisका निदान करने के लिए निम्नलिखित जांच की जाती हैं :
- क्ष-किरण जांच / X-Ray : हड्डी का एक्स-रे निकालने पर Osteoporosis का निदान किया जा सकता हैं। बदकिस्मती से ज्यादातर मरीजो में Fracture होने के बाद एक्स-रे निकालने के उपरांत ही यह निदान होता हैं। अगर आपको हड्डी में दर्द है और आप Osteoporosis होने की श्रेणी में आते है तो एहतियात के तौर पर Osteoporosis का निदान करने के लिए जांच करा लेना चाहिए जिससे की ईलाज जल्द शुरू कर हड्डी के टूटने से बचा जा सके।
- अस्थि घनता जांच / Bone Mineral Density Test : हड्डियों की घनता और ताकत का पता करने के लिए यह जांच किया जाता हैं। इस जांच में T Score -2.5 या उससे कम होने पर Osteoporosis का निदान किया जाता हैं। रजोनिवृत्ति हो चुकी सभी महिलाये, 65 वर्ष के ऊपर की सभी महिलाये, ऐसी महिलाये जिन्हें पहले से कोई बीमारी है या कोई दवा ले रही हैं ऐसे सभी महिलओने यह जांच कराना जरुरी हैं।
Osteoporosis से बचने के लिए क्या एहतियात बरतने चाहिए ?
Osteoporosis के ईलाज का मुख्य उद्देश है अस्थि / हड्डी की घनता बढ़ाना और हड्डी टूटने के खतरे को कम करना। Osteoporosis बचने के लिए निम्नलिखित एहतियात बरतने चाहिए :
- व्यायाम : रोजाना नियमित व्यायाम करे। बचपन से ही आहार और व्यायाम का संतुलन करना चाहिए जिससे की हड्डिया मजबूर और ठोस बने। व्यायाम करने से संतुलन,समन्वय और मांसपेशिया मजबूत रहती हैं जिससे बुजुर्गो में गिरने की आशंका कम हो जाती हैं। आप चाहे तो योगा भी कर सकते है जिससे की हड्डी और मांसपेशिया मजबूत हो जाती हैं। किसी रोग से पीड़ित व्यक्ति या बुजुर्ग व्यक्तिओ को कोई भी व्यायाम चालू करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर की राय जरुरु लेना चाहिए।
- कैल्शियम : आहार में कैल्शियम युक्त आहार जैसे की - दूध, दही, पनीर, चीज, सुका मेवा, फल, सब्जी का समावेश करे। बच्चो में प्रतिदिन 800 mg, महिलाओ में 1500 mg, पुरुषो में 1300 mg और गर्भवती या दुग्धपान करा रही महिलाओ में 1500 mg कैल्शियम की आवश्यकता रहती हैं। दिनभर में 2000 mg से ज्यादा कैल्शियम नहीं लेना चाहिए। आप डॉक्टर की सलाह अनुसार कैल्शियम की गोली भी ले सकते हैं। अवश्य पढ़े - कैल्शियम के लिए क्या खाना पीना चाहिए ?
- Vitamin D : आहार से मिल रहे कैल्शियम का आंतो में अवशोषण के लिए Vitamin D की जरुरत होती हैं। Vitamin D हमें आहार से और हमारे त्वचा से मिलता हैं। सुबह की धुप से हमें Vitamin D मिलता हैं। 1 वर्ष से कम आयु के बच्चो के लिए 400 IU/day, व्यस्को के लिए 600 IU/day और बुजुर्गो में 800 IU/day Vitamin D की जरुरत रहती हैं। आहार और त्वचा से पर्याप्त Vitamin D न मिलने पर डॉक्टर आपको Vitamin D की गोली भी दे सकते हैं। पढ़े - विटामिन डी की कमी के लक्षण और food source की जानकारी
- व्यसन : धुम्रपान, गुटखा, तंबाखू, बीडी, शराब इत्यादि बुरी आदतों से दूर रहे।
- दवा : डॉक्टर आपकी जांच करने के बाद Osteoporosis का उपचार करने के लिए आवश्यकता अनुसार इस्ट्रोजन थेरेपी, कैल्शियम थेरेपी या मासिक बंद हो जाने के स्तिथि में हार्मोनल थेरेपी कर सकते हैं। डॉक्टर आपको अस्थि की घनता बढाने के लिए उपलब्ध दवा दे सकते है। डॉक्टर के निर्देश अनुसार दवा लेना चाहिए और ऐसी दवा बंद करना चाहिए जो Osteoporosis के खतरे को बढाती हैं।
- अन्य : Osteoporosis से बचने के लिए और इसे ठीक करने के लिए निम्नलिखित चीजो का ध्यान रखे -
- समय पर डॉक्टर से जांच कराते रहे और 30 वर्ष के पश्च्यात हर वर्ष संपूर्ण शारीरक जांच कराते रहे जिससे की आगे होने वाले किसी रोग को रोका जा सके।
- समतोल पौष्टिक आहार लेना चाहिए।
- रोज सुबह 8 बजे के पहले की धुप में जरुर बैठना चाहिए।
- गर्भवती और दुग्धपान करा रहे महिलाओ ने अपने डॉक्टर की सलाह अनुसार कैल्शियम की गोली जरुर लेना चाहिए।
- 50 वर्ष के ऊपर के सभी व्यक्तिओ ने अपने डॉक्टर की सलाह अनुसार कैल्शियम की गोली जरुर लेना चाहिए।
- बुजुर्ग व्यक्तिओ ने चलते समय ध्यान रख कर चलना चाहिए की कही ठोकर लगकर या फिसल कर निचे न गिरे।
- कार चलाते समय leg space का ध्यान रखे ताकि घुटनों को मोड़ सके। सीट की पोजीशन सही होने से कमर पर दबाव नहीं पड़ता है।
- आपकी कुर्सी कमर के निचले हिस्से को सपोर्ट करने वाली होनी चाहिए।
- किसी भी मुद्रा में 30 मिनिट से ज्यादा न बैठे।
Image courtesy : David Castillo Dominici at FreeDigitalPhotos.net
अगर आपको यह लेख उपयोगी लगता है और आप समझते है की यह लेख पढ़कर किसी के स्वास्थ्य को फायदा मिल सकता हैं तो कृपया इस लेख को शेयर जरूर करे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें