Snoring जिसे हम हिंदी में 'खर्राटे लेना' कहते है, यह एक आम समस्या बन गयी हैं। Snoring को चिकित्सा भाषा में Sleep Apnea भी कहा जाता हैं। दुनियाभर में लगभग हर 5 में से एक व्यक्ति इससे पीड़ित हैं। ऐसा अनुमान हैं की लगभग 45 % पुरुष और 30 % महिलाए खर्राटे की समस्या से पीड़ित रहते हैं।
खर्राटे से जुडी अधिक जानकारी निचे दी गयी हैं :
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- खर्राटे आने का क्या कारण है ? Snoring in Hindi
- खर्राटे की समस्या का ईलाज कैसे किया जाता हैं ? Snoring home remedies in Hindi
- खर्राटों से बचने के लिए क्या सावधानियाँ बरतनी चाहिए ?
- खर्राटों का घरेलु उपचार Snoring home remedies in Hindi
खर्राटे से जुडी अधिक जानकारी निचे दी गयी हैं :
खर्राटे आने का कारण और उपचार Causes and treatment of Snoring in Hindi
खर्राटे आने का क्या कारण है ? Snoring in Hindi
खर्राटे आने के कई कारण है। इन कारणों की अधिक जानकारी निचे दी गयी हैं :- संकीर्ण श्वासमार्ग / Narrow Airways : हमारे नाक, मुंह या गले में श्वास मार्ग किसी कारण संकीर्ण या छोटा होने से खर्राटे आते हैं। जब हवा इन छोटे श्वास मार्ग से गुजरती है तो आस पास के ऊतकों (tissues) में कंपन पैदा करती है जिससे खर्राटों का तेज आवाज आता है।
- नाक में तकलीफ / Nose problem : नाक में कफ, संक्रमण, नाक की हड्डी बढ़ना या नाक में किसी प्रकार के श्वासमार्ग के अवरोध के कारण खर्राटे आ सकते हैं।
- गले में तकलीफ / Throat Problem : गले में खराश, कफ जम जाना, Tonsil या Adenoids में सूजन संक्रमण इत्यादि कारणों से खर्राटे आ सकते हैं।
- वृद्धावस्था / Old Age : उम्र के साथ गले के स्नायु कमजोर होने के कारण इनमे अधिक कंपन होने से खर्राटे आते हैं।
- मोटापा / Obesity : मोटापे से पीड़ित व्यक्तिओ में खर्राटे की समस्या अधिक होती हैं।
- उच्चरक्तचाप / Hypertension : उच्च रक्तचाप से पीड़ित व्यक्तिओ में खराटे की समस्या अधिक पायी जाती है।
- नशा / Drugs : सोने से पहले अधिक शराब पिने से या नींद की दवा लेने से खर्राटे आने की संभावना बढ़ जाती हैं।
- धूम्रपान / Smoking : धूम्रपान करनेवाले व्यक्तिओ में खर्राटों लेने का प्रमाण सामान्य व्यक्तिओ से दुगुना होता हैं। ऐसे व्यक्तिओ में श्वसननलिका में सूजन आने से श्वास मार्ग में अवरोध हो जाता हैं।
- निद्रावस्था / Sleeping Posture : अगर आप पीठ के बल सोते हैं तो इस अवस्था में सोने से गले के स्नायु शिथिल पड़ जाते हैं और श्वास मार्ग में अवरोध निर्माण करते है जिससे की खर्राटे आने चालू हो जाते हैं।
खर्राटे का ईलाज कैसे किया जाता हैं ? Snoring home remedies in Hindi
खर्राटों का ईलाज, खर्राटे किस कारण आ रहे है इस पर निर्भर करता हैं। खर्राटों की चिकित्सा साधारण उपकरण और शल्य चिकित्सा (Surgery) दोनों प्रकार से की जाती हैं। खर्राटों की चिकित्सा संबंधी अधिक जानकारी निचे दी गयी हैं :
- उपकरण / Device : खर्राटों की चिकित्सा के लिए कुछ उपकरणों का इस्तमाल कर सकते हैं, जैसे की :
- दांत का उपकरण : खर्राटों की समस्या कम करने के लिए मुंह में दांत पर रखने के लिए एक उपकरण का इस्तेमाल किया जाता हैं जिससे सोते समय जबड़ा आगे की ओर आ जाता हैं। जिन व्यक्तिओ में खर्राटे की समस्या मध्यम प्रमाण में हैं उन्हें इस उपकरण से लाभ मिल सकता हैं।
- नाक के उपकरण / Nasal Device : Nasal CPAP (Continuous Positive Airway Pressure) उपकरण का उपयोग किया जाता है जिससे श्वास मार्ग का अवरोध दूर किया जाता हैं।
- शल्य चिकित्सा / Surgery : पीड़ित को खर्राटे आने के कारण अनुसार शल्य चिकित्सा कर उस कारण को दूर किया जाता हैं। खर्राटे की चिकित्सा करने के लिए निम्नलिखित शल्य चिकित्सा की जा सकती हैं :
- Tonsillectomy
- Adenoidectomy
- Uvulectomy
- Deviated Nasal Septum Correction
- Excision of Nasal Polyp
- Radio-frequency energy
- Somnoplasty etc
खर्राटों का घरेलु उपचार Snoring home remedies in Hindi
खर्राटों की समस्या से राहत पाने के लिए आप नीचे दिए हुए घरेलु उपचार अपना सकते हैं :
- हल्दी दूध : रात को सोने से पहले एक कप दूध में आधा चमच्च हल्दी मिलाकर पिए। हल्दी एंटीसेप्टिक और एंटीबायोटिक है जिससे नाक का रास्ता साफ़ रहता हैं।
- ओलिव ऑइल : एक छोटी चमच्च ओलिव ऑइल में समान मात्रा में शहद मिलाकर रात को सोने से पहले पीना चाहिए। ओलिव ऑइल में सूजन कम करने का एंटी इंफ्लेमेटरी गुण है जो श्वसन तंत्र को ठीक रखता हैं और गले में कम्पन दूर कर खर्राटे कम करता हैं।
- ईलायची : रात को सोने से पहले ईलायची के दानों को गुनगुने पानी के साथ पीने से सांस लेना आसान हो जाता हैं। ईलायची सर्दी खांसी भी ठीक करती हैं।
- पिपरमेंट : रात को सोने से पहले पिपरमेंट ऑइल मिक्स पानी से गरारे करे। यह गले और नाक के छिद्रों की सूजन कम कर देता हैं जिससे सांस लेना आसान हो जाता हैं।
- लहसुन : लहसुन में हीलिंग गुण है जो रूकावट को दूर कर शवसन सामान्य रखता हैं। यह नाक के मार्ग में बलगम को हटाता हैं, श्वसन मार्ग की सूजन को कम करता हैं। सोने से पहले दो लहसुन की कली का सेवन करे।
खर्राटों से बचने के लिए क्या सावधानियाँ बरतनी चाहिए ?
जो लोग खर्राटों की समस्या से पीड़ित हैं और जिन्हे अभी तक इस समस्या ने नहीं घेरा हैं उन्होंने भी, खर्राटों से बचने के लिए निम्नलिखित सावधानी बरतनी चाहिए :
- वजन नियंत्रण / Weight Control : खर्राटों से बचने के लिए वजन नियंत्रण बेहद जरुरी हैं। खर्राटे लेने वाले और मोटे व्यक्तिओ का कई बार मजाक उड़ाया जाता है और इन्हे शर्मिंदगी महसूस करनी पड़ती है। वजन कम करने के लिए पढ़े - Weight Loss Guide
- नशा / Drugs : खर्राटों से बचने के लिए अगर आप कोई भी नशा कर रहे है तो कृपया अपने स्वास्थ्य के लिए इसे छोड़ दे। गुटखा, तंबाकू, बीड़ी, सिगरेट और शराब जैसे नशे से दूर रहे। नशा कैसे छोड़े यह जानने के लिए यह पढ़े - नशा कैसे छोड़े
- निद्रावस्था / Sleeping Posture : पीठ के बल सोने की जगह एक करवट पर सोने की आदत डाले। अगर हो सके तो सोने के समय सिर के निचे तकिया (Pillow) न रखे। हमेशा समय पर सोने की आदत रखे।
- रक्तचाप / Blood Pressure : अगर आपका रक्तचाप हमेशा 120 / 80 mmhg से अधिक रहता है तो डॉक्टर से जांच कराकर उसे नियंत्रित करे।
- आहार / Diet : समतोल पौष्टिक आहार लेना चाहिए। रात के समय भूक से अधिक खाने से बचे। सोने से पहले ज्यादा कफ निर्माण करने वाले आहार जैसे की दूध के पदार्थ, तीखा खाना और चॉकलेट नहीं लेना चाहिए।
- योग / Yoga : खर्राटों की समस्या से बचने के लिए आप योग का सहारा ले सकते हैं। कपालभाति और उज्जई प्राणायाम खर्राटों में लाभकर है। इसके साथ आप अनुलोम विलोम प्राणायाम भी कर सकते हैं।
- पानी / Water : दिनभर में कम से कम 3 से 4 लीटर पानी पीना चाहिए। शरीर में पानी की कमी से नाक और गले में गाढ़ा कफ तैयार हो जाता हैं जिससे श्वास मार्ग में रूकावट हो जाती हैं।
- अन्य उपाय / Others : खर्राटों से बचने के कुछ अन्य उपाय निचे दिये है :
- रात को सोने से पहले गर्म पानी में विक्स डाल कर बाफ (Steam) लेना चाहिए।
- अगर नाक बंद है तो सोने से पहले नाक में docongestant डाले।
- सीधे पंखे या AC की हवा चेहरे पर आये ऐसे नहीं सोना चाहिए।
- बार-बार कान, नाक और गले के संक्रमण से बचने के लिए अपनी रोग प्रतिकार शक्ति बढ़ाने की कोशिश करे।
- खर्राटे की तकलीफ अधिक होने पर अपने डॉक्टर से जांच कराए।
Image courtesy : David Castillo Dominici at FreeDigitalPhotos.net
मुझे तो नहीं लेकिन मेरे 4 साल के बेटे को ये समस्या थी , वो ज्यादातर मुंह से ही सांस लेता था और जोर जोर ले खर्राटे भरता था ! ये शायद उसके बढे हुए टॉन्सिल की वजह से था ! लेकिन अब ठीक है ! बेहतर जानकारी देने वाली पोस्ट हैं आपकी
जवाब देंहटाएंसच ही कहा आपने खर्राटे लेना आम हो चला है. इस विषय में इतनी अच्छी जानकारी देने के लिए बहुत धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंhttp://www.sankesh.com/
Snoring या खर्राटें
जवाब देंहटाएंअति आवश्यक जानकारी मीली. आभार.
दांत और नासिका के उपकरणों की जानकारी सविस्तार दिजीएगा. - यें क्या है, कैसे इस्तेमाल किया जाय, संभवित ज़ेलने पडती परेशानियाँ, क्या नामसे उपलब्ध हों सकती है, कहासे प्राप्त हो सके (ड्रग स्टोर या अन्य ) इत्यादि.
धन्यवाद
हिमतभाई पारेख, अमदावाद
दांत और नाक के उपकरण की अधिक जानकारी और वह आपके शहर में कहा उपलब्ध है इसको अधिक जानकारी आपको आपके शहर के परिचित कान, नाक, गले के डॉक्टर (ENT Specialist) से मिल सकते हैं. डॉक्टर आपको जांचकर आवश्यक उपकरण लिखकर दे सकते हैं.
हटाएंDear Sir,
जवाब देंहटाएंMy mother also suffering such problem. I will give advise and consult a doctor for the same. Your post are really helpful to all and very realistic.
Thanks Mr Anoop for visiting the blog. Kindly share it with your friends and help in our mission of spreading the health awareness.
हटाएंHi,
जवाब देंहटाएंMy son is also suffering from this. His age is 3.5 years. Please suggest me what should i do for him?
Kindly show if to ENT specialist to rule out any anatomical cause.
हटाएंThanks for giving us a valuable advice...
जवाब देंहटाएंनमस्ते
जवाब देंहटाएंमुह के छालो से बहुत परेशान है मेरी माँ की जीभ में काफी समय।से यहा समस्या है हमने डाक्टर को दिखाया भी डाक्टर ने सभी जरुरी टेस्ट भी किये पर किसी भी तरह की कोई समस्या होने से मना ही किया। परन्तु माँ की जीभ में जलन की समस्या बरकरार है