हाई ब्लड प्रेशर का कारण, लक्षण और इलाज | High Blood Pressure in Hindi

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हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) जिसे उच्च रक्तचाप या Hypertension भी कहते है एक जानलेवा रोग है। हाई ब्लड प्रेशर एक शांत ज्वालामुखी कि तरह है जिसमे ऊपर से कोई लक्षण दिखाई नहीं देते है पर यह ज्वालामुखी फूटने के बाद शरीर पर लकवा, Heart Attack जैसे गम्भीर परिणाम हो सकते है।

ईस लेख मे आप को यह जानकारी मिलेंगी hide

हाई ब्लड प्रेशर के कारण भारत में हर वर्ष लाखों लोगो की मृत्यु हो जाती हैं। हाई ब्लड प्रेशर में शुरुआत में कोई लक्षण नजर नहीं आता इसलिए रोगी को देरी से इसका पता चलता हैं। कई बार तो साधारण सर्दी-खांसी के लिए डॉक्टर के पास चेकअप कराने पर अकस्मात इसका पता चलता हैं। 

हाई ब्लड प्रेशर का कारण, लक्षण और उपचार की विस्तार मे जानकारी नीचे दी गयी है :

ब्लड प्रेशर किसे कहते है ? (Blood Pressure in Hindi)

ह्रदय शरीर के सभी अंगो को नलिकाओं के द्वारा रक्त को पहुँचाने का कार्य करता है। इसी रक्तप्रवाह के समय ह्रदय एक दबाव पैदा करता है जो रक्त नलिकाओं के अंधरूनी भाग पर पड़ता है। इस दबाव को रक्तचाप या Blood Pressure कहते है। रक्तचाप से आपके पुरे शरीर में रक्त संचारण (blood circulation) में सहायता मिलती है।

ब्लड प्रेशर कैसे पता चलता है ? 

ब्लड प्रेशर को एक उपकरण जिसे Sphygmomanometer कहते है, द्वारा मापा जाता है। एक सेहतमंद आदमी के लिए रक्तचाप, सिकुड़ने के समय / Systolic Blood Pressure 120 mmHg  होता है और आराम कि स्तिथि में  / Diastolic Blood Pressure 80 mmHg  होता है। इसे आमतौर पर 120/80 mmHg लिखा जाता है। आपकी उम्र 20 वर्ष हो या 80 वर्ष आपका सामान्य ब्लड प्रेशर 120/80 mmHg होना चाहिए।

हाई ब्लड प्रेशर किसे कहते है ? (High BP in Hindi)

जब आपका Systolic Blood Pressure 140 mmHg या इससे ऊपर और Diastolic Blood Pressure 90 mmHg या इससे ऊपर हो जाता है, तब उसे उच्च रक्तचाप या Hypertension कहते है। प्रत्येक व्यक्ति का रक्तचाप प्रतिदिन और प्रति घंटे बदलते रहता है।
ज्यादा काम करने, भय, चिंता, शोक, क्रोध, व्यायाम इत्यादि अवस्था में रक्तचाप कुछ समय के लिए बढ़ जाता है। इसीलिए अगर किसी व्यक्ति का रक्तचाप, सामान्य स्तिथि में नियमित रूप से ज्यादा आता है तब डॉक्टर उसे उच्च रक्तचाप कहते है। उच्च रक्तचाप का निदान तब तक नहीं किया जाता है जब तक आपके रक्तचाप कि कई बार जाँच न कि जाए और यह लगातार उच्च न बना रहे।

हाई ब्लड प्रेशर के क्या लक्षण है ? (High Blood pressure symptoms in Hindi)

क्या आपको हाई ब्लड प्रेशर है इस बात को जानने का एक ही तरीका है इसकी जांच करवाई जाए। उच्च रक्तचाप का अधिकांश लोगो में कोई खास लक्षण नहीं होता है। कुछ लोगो में बहोत ज्यादा रक्तचाप बढ़ जाने पर सरदर्द होना या धुंदला दिखाई देना जैसे लक्षण दिखाई देते है। इसलिए जरुरी है कि 30 वर्ष कि आयु के बाद  और अगर आपका वजन ज्यादा है या आपके परिवार में किसी को हाई ब्लड प्रेशर है, तो 20 वर्ष आयु के बाद साल में कम से कम एक बार अपने ब्लड प्रेशर कि जांच डॉक्टर से करवाए।

हाई ब्लड प्रेशर के क्या दुष्परिणाम है ?

हाई ब्लड प्रेशर के कई दुष्प्रभाव है। आपके रक्त के लिए आपकी रक्तवाहिकाओं में प्रवाहित होना जितना कठिन होंगा, आपके रक्तचाप कि संख्या उतनी ही उच्च होंगी। आपका ह्रदय को उच्च रक्तचाप के कारण सामान्य से अधिक काम करना पड़ता है। उच्च रक्तचाप के कारण दिल का दौरा (Heart Attack), रक्ताघात, गुर्दे का काम न करना (Kidney Failure) और रक्तवाहिनिओ का कठोर होने जैसे गंभीर रोग हो सकते है।

हाई ब्लड प्रेशर के क्या कारण है ? (High BP causes in Hindi)

जैस की अभी तक आपने पढ़ है की हृदय को पूरे शरीर मे खून भेजने के लिए जोर से लगातार pumping करना पड़ता है और किसी अवरोध या सूजन आदि कारण से जब यह दबाव बढ़ जाता है तो ब्लड प्रेशर भी बढ़ जाता है। ब्लड प्रेशर बढ़ने के कुछ मुख्य कारण नीचे बताए गए है :
1. Cholesterol : रक्त नलिका मे cholesterol जम जाने से हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है । अगर आपका Cholesterol सामान्य से ज्यादा है तो आहार मे बदलाव और दवा लेकर उसे नियंत्रित रखे ।
2. मोटापा : अगर आपका वजन सामान्य से ज्यादा है या आपका बॉडी मास इंडेक्स 25 से ज्यादा है तो आपका ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है ।
3. नमक : अगर आप रोजाना 5 gm से ज्यादा नमक का सेवन करते है तो आपका ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। नामक शरीर मे पानी retention कर रखता है जिससे वजन और blood volume बढ़ने से भी ब्लड प्रेशर बढ़ता है ।
4. उम्र : जैसे जैसे हमारी उम्र बढ़ती है हमारे blood vessels की elasticity कम हो जाती है जिस कारण ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है। विशेष कर 45 से 50 वर्ष की उम्र के बाद इसका प्रमाण बढ़ जाता है।
5. आनुवंशिकता : अगर आपके परिवार मे किसी को हाई ब्लड प्रेशर है खासकर आपके माता या पिता को तो आपको हाई ब्लड प्रेशर होने का खतरा 50% से बढ़ जाता है। इसके पीछे हमारे genes जिम्मेदार होते है।
6. नशा : अगर आप धूम्रपान, तंबाकू या शराब का नशा करते है तो इनके दुष्परिणाम के स्वरूप आपका ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है।
7. आलस : अगर आप किसी भी प्रकार का व्यायाम या श्रम नहीं करते है तो हृदय के मसल्स का ठीक से व्यायाम न होने के कारण भी थोड़े से श्रम से आपका ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है।
8. तनाव : अगर आपको किसी प्रकार का तनाव या depression है तो शरीर मे होने वाले hormonal बदलाव से ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है ।

हाई ब्लड प्रेशर को कम करने के लिए क्या उपाय करे ? (High BP control tips in Hindi)

हाई ब्लड प्रेशर पर नियंत्रण पाने के लिए निम्नलिखित सलाह का पालन करे :
1. दवा : डॉक्टर के निर्देश के अनुसार रक्तचाप कि दवा नियमित रूप से ले। 
2. जांच : डॉक्टरी जांच समय पर करवाए। 
3. मोटापा : अपना अतिरिक्त वजन घटाए। 
4. व्यायाम : नियमित रूप से डॉक्टर कि सलाह अनुसार व्यायाम करे। 
5. जीवनशैली : अपने रहन सहन में बदलाव करे जैसे की तनाव मुक्त रहे, सिगरेट पीना छोड़ दे, शराब कि मात्रा को कम करे, तंबाखू-गुठखा खाना बंद करे, योग, प्राणायाम, ध्यान करे, नियमित व्यायाम करे। 

हाई ब्लड प्रेशर मे क्या खाना चाहिए ? (High BP diet in Hindi)

1. अपने खाने में योग्य बदलाव लाये। 
2. जीवनदायी खाद्यपदार्थो को अधिक ले।
3. अनाज जैसे – गेहू, चावल, रागी, मकई, अंकुरित दाले, मछली, साग-सब्जी एवं ताजे फल आदि का अपने आहार में समावेश करे। 
4. वनस्पति तेल जैसे – सूरजमुखी तेल या सोयाबीन तेल का इस्तेमाल करे। 
5. हमेशा ताज़ी हरी सब्जियो का इस्तेमाल करे। 
6. Potassium कि अधिक मात्रा वाले खाद्य पदार्थो का सेवन करे। केला, संतरा, आलू, कोमल नारियल का पानी जैसे खाने कि चीजो में Potassium अधिक होता है। यह रक्तचाप घटाने में मदद करता है। 

हाई ब्लड प्रेशर मे क्या नहीं खाना चाहिए ?

हाई ब्लड प्रेशर मे इन चीजो से परहेज करे:
1. तेलीय पदार्थ, मख्खन, घी, डालडा, चिप्स, मुर्गी का गोश्त, अचार, पापड़ एवं सॉस।
2. चॉकलेट, आइसक्रीम, केक, शीतल पेयजल का सेवन न करे।
3. नमक सेवन और सुझाव – ज्यादा नमक वाले भोजन न खाए। खाने कि मेज पर रखी नमक कि छोटी डिबिया को हटा दे। नमक के बजाए सब्जियो पर निम्बू का रस छिड़के। अचार, चटनी, पापड़, नमकीन मूंगफली, चिप्स आदि का सेवन न करे क्योंकि इसमें नमक अधिक होता है। खाने कि चीजो में नमक कम डालकर पकाए। 

हाई ब्लड प्रेशर मे तुरंत डॉक्टर से कब संपर्क करना चाहिए ?

निम्नलिखित लक्षण या तकलीफ होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करे :
1. तेज सरदर्द 
2. सीने में दर्द या भारीपन 
3. नजर में परिवर्तन या धुंधला दिखाई देना  
4. चक्कर आना 
5. सांस लेने में परेशानी 
6. चहरे, बांह या पैरो में अचानक सुन्नपन, झुनझुनी या कमजोरी महसूस होना 
7. अचानक घबराहट, समझने या बोलने में कठिनाई 
8. खाना या पानी निगलने में कठिनाई 

हाई ब्लड प्रेशर का ईलाज कैसे किया जाता है ? (High Blood Pressure treatment in Hindi)

हाई ब्लड प्रेशर का ईलाज करते समय डॉक्टर पहले कोशिश करते है की जीवनशैली में बदलाव और योग्य आहार लेकर ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करे। अगर यह सब करने के बावजूद अगर ब्लड प्रेशर कण्ट्रोल नहीं होता है तो ब्लड प्रेशर की दवा शुरू की जाती है। हाई ब्लड प्रेशर की कई प्रकार की दवा उपलब्ध है और रोगी को कौन सी दवा देना है यह रोगी का ब्लड प्रेशर, लिंग, आयु, वजन और रोगी को कोई अन्य बीमारी तो नहीं है इस बात पर निर्भर करता है।
1. Angiotensin-converting Enzyme (ACE) inhibitors : यह दवा रक्त नलिका को आराम करने में और चौड़ा होने में मदद करती है जिससे ब्लड प्रेशर कम होता है। यह दवा रक्त नलिका को संकीर्ण करने वाले केमिकल को रोकते है। इस प्रकार की दवा में Ramipril, Lisinopril इत्यादि दवा शामिल है। यह दवा अस्थमा के मरीजों में ईस्तमाल नहीं की जाती है क्योंकि इस दवा से कुछ मरीजों में कफ और खांसी की समस्या हो सकती है।
2. Angiotensin 2 receptor Blocker : यह दवा रक्त नलिका को संकीर्ण होने से रोकती है और ब्लड प्रेशर कम होने में सहायता करती है। इस प्रकार की दवा में Losartan, Candesartna इत्यादि आते है।
3. Calcium Channel Blockers : यह दवा रक्त नलिका के स्नायु को शिथिल करती है और कम करती है। इस दवा से ह्रदयगति भी धीमी होती है। इस प्रकार की दवा के उदहारण है Amlodipine, Diltiazem इत्यादि ।
4. Beta Blockers : यह दवा ह्रदय का भार काम करती है ब्लड प्रेशर कम करती है।
इस दवा से ह्रदयगति भी धीमी होती है। इस प्रकार में Atenolol, Propanolol, Metoprolol, यह दवा शामिल है।
5. Diuretics : इस प्रकार की दवा से पेशाब ज्यादा होती है जिसमे शरीर में से अतिरिक्त पानी और सोडियम पेशाब के रास्ते बाहर निकल जाता है जीस वजह से ब्लड प्रेशर कम होने में मदद मिलती है। इसमें यह chlorthalidone, hydrochlorothiazide दवा आती है। यह दवा देते समय इस बात का ध्यान देना चाहिए की पानी की कमी होकर रोगी का ब्लड प्रेशर बेहद ज्यादा कम न जाए औरर साथ ही शरीर में सोडियम और पोटैशियम जैसे मिनरल कम होकर रोगी की हालत गंभीर न हो जाये।

इसके अलावा भी हाई ब्लड प्रेशर की अन्य दवा का उपयोग होता है पर यहाँ पर हमने जिस दवा का अधिक उपयोग होता है उनकी जानकारी आपके लिए दी है।

हाई ब्लड प्रेशर का निदान कैसे किया जाता है ?

हाई ब्लड प्रेशर का निदान करने के लिए निम्नलिखित जांच की जाती है :
1. ब्लड प्रेशर की जांच : रोगी को १० मिनिट बिठाकर रखा जाता है और उसके बाद रोगी के दोनों हाथो में ब्लड प्रेशर की जांच की जाती है। जिस हाथ में बीपी ज्यादा आता है वह रिकॉर्ड किया जाता है। जिस हाथ में बीपी अधिक आया है उस हाथ में 3 बार बीपी रिकॉर्ड करे और उसका औसत जो निकलेगा वह बीपी माने। अगर बीपी 140/90 mmHg या इससे अधिक आता है तो हाई ब्लड प्रेशर है यह माना जाता है। बीपी जांच करते वक्त ध्यान रहे की रोगी शांत है और किसी तनाव में नहीं है।
2. Ambulatory Blood Pressure Monitoring (ABPM) : ABPM जाँच में आपको एक मशीन लगाया जाता है जो दिन में हर आधे घण्टे से और रात में हर 1 घंटे से आपका बीपी गिनता है। 24 घंटो बाद इसका रिकॉर्ड देखा जाता है और अगर इसमें बीपी औसत 140/90 mmHg या इससे अधिक आता है तो हाई ब्लड प्रेशर माना जाता है।
3. Electrocardiogram (ECG) : यह एक सामान्य जांच है जिसमे आपके सीने पर और हाथ पैर पर इलेक्ट्रोड लगाकर ह्रदय की इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी का ग्राफ निकाला जाता है। इस ग्राफ में आये बदलाव से डॉक्टर को पता चलता है की आपका ब्लड प्रेशर हमेशा ज्यादा रहता है या नहीं। इस ग्राफ से हार्ट अटैक, ह्रदय में सूजन, ह्रदय की वाल्व में खराबी अदि बातों का भी पता चलता है। 30 वर्ष के आयु के पश्च्यात साल में एक बार यह जांच करा लेनी चाहिए।
4. Treadmill Test : इस जांच में आपको ट्रेडमिल पर चलाया जाता है और आपके लगातार ECG को कंप्यूटर में रिकॉर्ड किया जाता है। इस जांच को Stress test भी कहा जाता हैं। इसके साथ ही हर स्टेज में बीपी का रिकॉर्ड लिया जाता है। इस जाँच में भी आपका ब्लड प्रेशर ज्यादा है या नहीं और कोई ह्रदय रोग है या नहीं यह पता चल सकता है।
5. Echocardiogram : यह एक प्रकार की दिल की सोनोग्राफी है जिसमे आपके हार्ट का आकार, वाल्व की स्तिथि, हार्ट के दीवार की सूजन आदि बातों का पता चलता है।
6. Lab Test : हाई ब्लड प्रेशर का पता चलने पर डॉक्टर आपके कुछ बेसिक टेस्ट करते है जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ने की वजह और साथ ही आपको कोई अन्य बीमारी तो नहीं है उसकी जानकारी मिल जाती है। इसमें CBC, FBS, PPBS, HBA1C, SGPT, S,CREATININE, LIPID PROFILE, Urine routine आदि जांच की जाती है।

इसे पढ़ना जरुरी है – कोलेस्ट्रॉल के रोगी ने आहार में क्या लेना चाहिए और क्या नहीं 

हर व्यक्ति ने 30 वर्ष की आयु के बाद साल में कम से कम एक बार अपना Blood Pressure की जांच अवश्य कराना चाहिए। जिन लोगो के परिवार में किसी को हाई ब्लड प्रेशर का ईतिहास हैं उन्होंने 20 वर्ष की आयु के बाद से ही प्रति वर्ष BP की जांच कराना चाहिए। जो लोग हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित हैं उन्होंने अपने डॉक्टर की सलहानुसार नियमित रक्तचाप की जांच कराना चाहिए।

इसे पढ़ना न भूले – हाई ब्लड प्रेशर के रोगी कैसे करे अनुलोम विलोम प्राणायाम

हाई ब्लड प्रेशर से जुड़े सवालों के जवाब

क्या हाई ब्लड प्रेशर पूरी तरह ठीक हो सकता है?

हाई ब्लड प्रेशर को कुछ रोगियों मे पूरी तरह ठीक किया जा सकता हैं। जीवनशैली मे योग्य बदलाव, आहार मे नमक का योग्य प्रमाण, वजन नियंत्रण, योग और मेडिटेशन से आप अपने हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल मे रख सकते हैं। आपकी हाई ब्लड प्रेशर की दवा बंद करना है या नहीं इसका सही फैसला आपके डॉक्टर ही ले सकते हैं।

क्या हाई ब्लड प्रेशर कम करने का कोई प्राकृतिक उपचार है?

जीवनशैली में कुछ बदलाव, जैसे स्वस्थ आहार अपनाना, नियमित व्यायाम करना और तनाव का प्रबंधन करना, स्वाभाविक रूप से ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद कर सकता है। हालाँकि, केवल प्राकृतिक उपचारों पर निर्भर रहने से पहले एप डॉक्टर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है।

क्या युवाओं को हाई ब्लड प्रेशर हो सकता है?

हाँ, हाई ब्लड प्रेशर सभी उम्र के व्यक्तियों को प्रभावित कर सकता है, जिनमें युवा वयस्क और यहाँ तक कि बच्चे भी शामिल हैं। आनुवंशिक कारक, अस्वास्थ्यकर जीवनशैली की आदतें और चिकित्सीय स्थितियाँ इसके विकास में योगदान कर सकती हैं।

मुझे अपना ब्लड प्रेशर कितनी बार जांच करवाना चाहिए?

नियमित ब्लड प्रेशर के रिकार्ड की सिफारिश की जाती है, खासकर यदि आपके पास हाई ब्लड प्रेशर के जोखिम कारक हैं। वयस्कों को कम से कम वार्षिक जांच का लक्ष्य रखना चाहिए, जबकि हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित लोगों को अधिक बार निगरानी की आवश्यकता हो सकती है।

क्या हाई ब्लड प्रेशर का संबंध केवल हृदय स्वास्थ्य से है?

हाई ब्लड प्रेशर का संबंध हृदय के साथ आँखे, किडनी, फेफड़े, मस्तिष्क के साथ सम्पूर्ण शरीर के साथ होता हैं।

उपयोगी जानकारी पढे: हाई ब्लड प्रेशर से जुड़े आपके सवालों के जवाब

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References:

  1. High Blood Pressure Symptoms and Causes: https://www.cdc.gov/bloodpressure/about.htm#:~:text=High%20blood%20pressure%2C%20also%20called,blood%20pressure%20(or%20hypertension).
  2. High Blood Pressure: https://www.heart.org/en/health-topics/high-blood-pressure
  3. Causes of High BP: https://www.nhs.uk/conditions/high-blood-pressure-hypertension/causes/
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70 thoughts on “हाई ब्लड प्रेशर का कारण, लक्षण और इलाज | High Blood Pressure in Hindi”

  1. उच्च रक्तचाप / Hypertension के क्या दुष्प्रभाव है ?

    उच्च रक्तचाप / Hypertension के कई दुष्प्रभाव है। आपके रक्त के लिए आपकी रक्तवाहिकाओं में प्रवाहित होना जितना कठिन होंगा, आपके रक्तचाप कि संख्या उतनी ही उच्च होंगी। आपका ह्रदय को उच्च रक्तचाप के कारण सामान्य से अधिक काम करना पड़ता है। उच्च रक्तचाप के कारण दिल का दौरा (Heart Attack), रक्ताघात, गुर्दे का काम न करना (Kidney Failure) और रक्तवाहिनिओ का कठोर होने जैसे गंभीर रोग हो सकते है।
    ​उपयोगी पोस्ट और साथ में बेहतरीन सुझाव !

  2. धर्मेंद्रजी,
    अगर आपको High BP है तो आपने अपने डॉक्टर की सलाह्नुसार दवा जरुर लेना चाहिए l लेख में दिए गए सुझाव का पालन कर आप BP को और बढ़ने से रोक सकते है और उसके दुष्परिणाम से बच सकते हैं l
    अगर आपको high BP की शिकायत नहीं है तो लेख में दिए हुए सुझाव का पालन कर आप high BP से दूर रह सकते हैं l

  3. धर्मेंद्रजी,
    तनाव रक्तचाप बढ़ने का एक और बड़ा कारण हैं l तनावमुक्त रहने की कोशिश करे l तनाव दूर करने के लिए आप हात्स्योपचार / laughter therapy और योग / प्राणायाम की सहायता ले सकते हैं l अगर फिर भी BP ज्यादा रहता है तो डॉक्टर की सलाह लेना चाहिए l

  4. आपके माताजी का BP 210/110 mmHg है जो की सामान्य से काफी ज्यादा हैं. बिना रोगी की सम्पूर्ण जांच किये और BP बढ़ने का कारण पता किये कोई दवा नहीं दे सकते हैं. आपसे सलाह है की उनकी आपके परिचित डॉक्टर से नियमित जांच कराते रहे और समय पर दवा देते रहे.

  5. अगर आपका Blood pressure गोली खाने के बाद नियंत्रण में है तो गोली लेते रहना चाहिए. अगर आप कोई दवा नहीं ले रहे है और आपका BP नार्मल है तो दवा लेने की जरुरत नहीं है. अगर आप नियमित दवा ले रहे है और आपको BP नियंत्रण में है तो हर महीने डॉक्टर से BP जांच कराते रहना चाहिए ताकि आवश्यकता अनुसार दवा की मात्रा को निर्धारित किया जा सके !

  6. अगर ब्लड प्रेशर ज्यादा है तो दवा लेना जरुरी हैं. अपना वजन कम करे और खान-पान में सावधानी बरते. दवा लेने से न डरे.

  7. Sir meri age 29 yrs hai mera bp 150/96 ho gya tha 8 mahine pahle
    ,maine dr saheb se salah li unhone mujhe metzok 50 khane ko bola mai regular kha bhi rha hu yoga & walk bhi krta hu apni khan pan bhi sahi rkha hu filhal mera bp 120/80 se 136/90 k bich rhta hai….kya ye dwa puri umr khani padegi ya kuchh dino bad chhor sakta hu….plz mujhe advise de

  8. डॉक्टर की सलाह अनुसार दवा लेते रहे और नियमित ब्लड प्रेशर की जांच कराते रहे. ब्लड प्रेशर के ज्यादातर मरीजों को जीवनभर दवा लेना होता हैं.

  9. Sir meri age 31 hai pichle 6 months se kabhi kabhi mera BP badh jata hai, abhi mene dr. se check karvaya to 144/90 tha or jab BP badta hai to chackar aate hain, wait bhi kuch jyada nahi hai, 60-65 hai. Mostly normal rehta hai lekin pichle 6 Months main 2 baar badh gaya hai, mujhe kya karna chahiye. Please suggest any solution.

  10. Dr mera BP 160/80 rehta he muje head me back side me niche darad hota he mene uska goleya chalu keya ahe par es darad ka karan muje samjme nhi ka raha mere man me khucha be ata he eska Karen patav pls Dr muje batav

  11. Hello sir mera naam Rahul muje high BP rehta hai 110/145 95/140 alag alag rehta h jiski maine ab dawai suru ki h main puchna chata hu jaise ki muje drink karne ki adat thi jo abhi maine band ki hui h kya main week mein ek ya do drink kar sakta hu

  12. श्रीमान जी मै यतेन्‍द्र राजस्‍थान से हु मेरी पत्‍नी के बीपी ज्‍यादा रहती है कृपा कर के समाधान बताये

  13. यतेन्द्रजी, अगर ब्लड प्रेशर बेहद ज्यादा है तो उन्हें डॉक्टर से मिलकर दवा लेते रहना चाहिए. बब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने की अन्य जानकारी इस वेबसाइट पर उपलब्ध हैं.

  14. Sir Me Radiology Technician hu pahle bhei aap se takl huwi hai Sir ab Mera BP 135 -85 rahta hai kabhi kabhi 110-75 ho jata hai kya karu mene TELMIKIND 40 BP tablate kyati thi jo ab 2-3 mahine se band kar di hai kya ab mujhe Tab khani chahiye ya nahi Kabhi kabhi Headech Aur Bachaini rahti hai PLZ Reply Sir ……………

  15. आपको फिर से डॉ से मिलकर अपनी जांच करानी चाहिए और एक ECG जांच करानी चाहिए. अगर डॉ कहे तो दवा शुरू रखनी चाहिए.

  16. Age52 year bank manager, high blood pressure problem from 8 months.i use allopathic medicine from 7months in this period bp was 120-130/80-85.last one month I use mukta vati. BP is 125-140/80-90.i have eco report.eco description is Mild concentric LVH.PLZ suggest.

  17. Meri age 35 hai..idhar last month se mera bp kbhi 110/60 aur kbhi 123/103 ho jata hai frequently.. Headache rhti hai,dil k pass mild bhaaripan, thakan, aalas rhta hai..baaki blood hg sugar etc sab normal hai..mujhe kya krna chahiye? -Pradeep

  18. sir meri age 40 years h mujhe month me 1-2 bar headache hota h jiske karan muje vomiting hoti h ,nind atee h , thand bi lagti ,chakkar atte h
    m namk bi nahi khata fer bi mere sath ye problem
    muje kya karna chahye ?

  19. Sir mera age 39 year hai mera Bp 140/96 ke aaspas rahta hai aur pichhale kuch dino se seene me thoda thoda dard bana rahta hai Maine ECG aur xray dono krwaya Dr sahab bole rahe hai sab theek hai kuch medicine diya hai par aaram nahi hai mujhe kya karna chahiye

  20. Sir RAHUL 34 year mere ko pichhle 1 month se Mera bp 100/150 hai mere ko thoda nigetive chiz sochne ki bhi faltu adat hai Baki sare report normal hai ghabrahat bhi hoti hai aapka sujhav deve

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