आयुर्वेदिक औषधि गिलोय के 10 स्वास्थ्य फायदे

गिलोय / Giloy यह एक प्रसिद्द आयुर्वेदिक औषधि है जिसे अमृता या गुडुची नाम से भी जाना जाता हैं। गिलोय का औषधि / Latin नाम Tinospora Cordifolia हैं। इस विशेष आयुर्वेदिक औषधि पर कई वैज्ञानिकों ने रिसर्च किया है और पाया है की यह औषधि शरीर की रोग प्रतिकार शक्ति यानि Immunity बढ़ाती है।आयुर्वेद में गिलोय का उपयोग कई साधारण और मुश्किल रोगों को ठीक करने के लिए किया जाता हैं। डॉक्टर डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, टाइफाइड, डायबिटीज, टी.बी, पीलिया और कैंसर जैसे रोगों में गिलोय का सफलतापूर्वक उपयोग कर रहे हैं। आधुनिक वैज्ञानिक गिलोय को Immuno-Modulator drug मानते हैं ।

आयुर्वेदिक औषधि में गिलोय का अकेले या अन्य दवा में मिश्रण कर उपयोग किया जाता हैं। गिलोय का उपयोग स्वरस, चूर्ण, सत्व, वटी और काढ़ा जैसे अनेक प्रकार में किया जाता हैं। गिलोय के कुछ महत्वपूर्ण स्वास्थ्य लाभ की जानकारी निचे दी गयी हैं :

गिलोय के 10 स्वास्थ्य फायदे 

10 Super Health Benefits of Giloy / Guduchi in Hindi

गिलोय के विभिन्न स्वास्थ्य लाभ की जानकारी निचे दी गयी हैं :

  1. प्लेटलेट की कमी / Low Platelet Count (Thrombocytopenia): डेंगू, मलेरिया, कैंसर और कुछ वायरल रोगों में शरीर में खून का बहाव रोकनेवाली पेशी, प्लेटलेट की संख्या तेजी से कम होती हैं। ऐसे स्तिथि में गिलोय स्वरस या गिलोय सत्व का प्रयोग करने से शरीर की रोग प्रतिकार शक्ति बढ़ती है और प्लेटलेट की संख्या भी बढ़ने में मदद होती हैं। पढ़े – प्लेटलेट को बढ़ाने के लिए कैसा आहार लेना चाहिए
  2. डायबिटीज / Diabetes : आज भारत में डायबिटीज के रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही हैं। भारत में हर साल लाखों लोगों की मृत्यु डायबिटीज के कारण शरीर के प्रमुख अंग जैसे की ह्रदय, लिवर और किडनी पर होनेवाले दुष्परिणाम के कारण होती हैं। डायबिटीज में गिलोय का उपयोग करने से ऐसे दुष्परिणाम को रोका जा सकता हैं। पढ़े – डायबिटीज में कैसा आहार लेना चाहिए
  3. कैंसर / Cancer : रेडियोथेरेपी और कीमोथेरेपी जैसे आधुनिक उपचार के कारण कैंसर के रोगियों में सफ़ेद और लाल रक्त कण की कमी, पेट में जलन, वजन में कमी, अरुचि और कमजोरी जैसे दुष्परिणाम नजर आते हैं। इन दुष्परिणामों से बचाने के लिए अब कई कैंसर विशेषज्ञ रोगी को गिलोय का औषधि रूप में उपयोग कर रहे हैं। पढ़े – कैंसर का उपचार
  4. अस्थमा / Asthma : शरीर की रोग प्रतिकार शक्ति कमजोर होने से एलर्जी का प्रमाण बढ़ जाता है और रोगी को बार-बार अस्थमा का अटैक  सामना करना पड़ता हैं। रोजाना गुडुची सत्व को दूध के साथ सेवन करने से शरीर की रोग प्रतिकार शक्ति में इजाफा होता है और फेफड़े मजबूत बनते हैं। अस्थमा या खांसी के रोगियों ने डॉक्टर के परामर्श से इसका सेवन जरूर करना चाहिए। पढ़े – अस्थमा का उपचार
  5. सोरायसिस / Psoriasis : सोरायसिस एक त्वचा का रोग है जिसके वजह से रोगी को बेहद पीड़ा और मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता हैं। इस रोग में गुडुची के उपयोग अकेले या मंजिष्ठा, कुटज, नीम आदि औषधि के साथ करने से लाभ मिलता हैं। रोगी को अपने आहार पर भी विशेष ध्यान होता हैं। पढ़े – सोरायसिस का उपचार
  6. पेशाब में जलन / Urine Infection : महिलाए, डायबिटीज के रोगी और किडनी रोगी में बार-बार पेशाब में जंतु संक्रमण के कारण पेशाब में जलन होने की समस्या होती हैं। पेशाब में संक्रमण का स्थाई उपचार न करने पर रोगी की किडनी ख़राब होने का खतरा रहता हैं। ऐसी स्तिथि में डॉक्टर की सलाह से उचित मात्रा में गिलोय, पुनर्नवा, गोखरू आदि औषधि का उपयोग करने से यह समस्या रोकी जा सकती है और किडनी को सुरक्षित रखा जा सकता हैं। पढ़े – पेशाब में जलन का आयुर्वेदिक उपचार
  7. वायरल बुखार / Viral Fever : आपने देखा होगा की कुछ व्यक्ति या बच्चे औरों की तुलना में बार-बार बीमार पड़ते है। ऐसे लोग रोग प्रतिकार शक्ति कमजोर होने के कारण सामान्य वायरल संक्रमण से भी नहीं लड़ पाते और बीमार हो जाते हैं। ऐसे कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों में नियमित 3 महीने तक डॉक्टर की सलाह से गिलोय सत्व या स्वरस का कोर्स करने से रोग प्रतिकार शक्ति में जबरदस्त इजाफा होता है और सामान्य वायरल फीवर से लड़ने की शक्ति निर्माण होती है। पढ़े – कैसे बढ़ाये अपनी रोग प्रतिकार शक्ति
  8. जोड़ों में दर्द / Joint Pain : आमवात और संधिवात में जोड़ों में दर्द, जकड़न और सूजन जैसी समस्या निर्माण होती हैं। इसमें गिलोय का उपयोग करने से जोड़ों के दर्द और सूजन में कमी आती है और जोड़ों की क्रियाशीलता में इजाफा होता हैं।
  9. विषैले तत्व / Toxins : रोजाना बढ़ रहे वायु प्रदुषण और खाने-पिने की चीजों में मिलावट के चलते हमारे शरीर में न चाहते हुए भी कई विषैले तत्व हवा, पानी और आहार के साथ प्रवेश करते हैं। ऐसे विषैले तत्वों को शरीर से बाहर निकालने के लिए, इनके दुष्प्रभावों से शरीर को बचाने के लिए और शरीर को detoxify करने के लिए आप गिलोय का उपयोग कर सकते हैं।
  10. बॉडी टॉनिक / Immuno-Tonic : अगर आपको कोई रोग नहीं हैं या कोई शारीरिक या मानसिक समस्या नहीं है तब भी आप अपने डॉक्टर की सलाह से उचित मात्रा में गिलोय का Immuno टॉनिक के रूप में उपयोग कर सकते हैं। इससे आपकी रोग प्रतिकार शक्ति ठीक रहती हैं, बुढ़ापा दूर रहंता हैं, शरीर के अंग स्वस्थ रहते हैं, शारीरिक और मानसिक स्वास्थय टिके रहता हैं।

इस तरह गिलोय एक चमत्कारिक आयुर्वेदिक औषधि है जिसका डॉक्टर की सलाह से उचित मात्रा में उचित समय तक लगातार लेने से शरीर को सिर्फ फायदा होता है और किसी प्रकार का कोई दुष्प्रभाव नहीं होता हैं। बाजार में गिलोय / गुडुची के नाम से कई नकली दवा मिलती है इसलिए असली दवा की पहचान करने के लिए अपने परिचित आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह से ही दवा का उपयोग करे।

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