मुंह के छाले: आयुर्वेदिक और घरेलु उपाय | Oral Ulcers in Hindi

Oral ulcer ayurveda home remedies in Hindi

मुंह में विकसित होने वाले पीड़ादायक छोटे-छोटे घांवो को मुंह के छाले या Oral Ulcer कहा जाता है। मुंह के छाले मुंह के अंदर या बाहर कहीं भी हो सकते हैं। मुंह के बाहर या होंठों पर होने वाले छालों को कोल्ड सोर्स कहा जाता है। यह हरपीज वायरस से संक्रमित होने पर होते हैं। मुंह के भीतर होनेवाले छालों को Apthus Ulcer कहा जाता है। 

मुंह के अंदर जो नरम और मुलायम उतक होता है जिसे की म्यूकस मेम्ब्रेन कहा जाता है, उस में छाले होते हैं।  यह कई प्रकार के होते हैं। कुछ पीड़ा देते हैं, तो कुछ गंभीर बीमारी के लक्षण होते हैं। मुंह के छालों की वजह से ना सिर्फ खाने-पीने में परेशानी होती है बल्कि बोलने में भी दिक्कत होती है। कई बार यह छाले अपने आप 7 से 10 दिन में ठीक हो जाते हैं लेकिन अगर 10 दिन से ज्यादा रहते हैं तो इसके लिए आपको डॉक्टर से कंसल्ट करना जरूरी होता है। 

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कुछ लोगों को यह छाले बार-बार होते हैं। मुंह के छालें हो जानेपर व्यक्ति का किसी भी काम में मन लगना मुश्किल हो जाता हैं। मुंह के छालें होने के कारण, लक्षण, प्रकार और इसके उपचार और घरेलु उपाय से जुडी अधिक जानकारी निचे दी गयी हैं :

मुंह के छालों होने के क्या कारण हैं ? (Oral Ulcer causes in Hindi)

मुंह में छालों के कई कारण हो सकते हैं। जैसे कि – 

  1. संक्रमण / Infection : बैक्टीरियल, वायरल या फंगल इन्फेक्शन 
  2. पेट की गर्मी / Acidity 
  3. असंतुलित आहार विहार 
  4. कब्ज / Constipation 
  5. खाना खाते वक़्त या ब्रश करते वक्त जीभ या गाल का कट जाना  
  6. ज्यादा समय तक एंटीबायोटिक दवाइयों का सेवन आंतो के लाभदायक कीटाणुओं की संख्या कम कर देता है।   
  7. गुटखा और पान मसाले का अति सेवन  
  8. ज्यादा तीखा मसाले वाला भोजन   
  9. मुंह की गंदगी   
  10. दांतों की गलत संरचना जैसे कि आडे तिरछे नुकीले दांत जिनके चुभने से छाले हो सकते हैं।   
  11. तनाव , नींद पूरी ना होना  
  12. अगर किसी वजह से आपका पाचन तंत्र बिगड़ा हुआ हो तो आपको बार-बार मुंह के छालों हो सकते हैं।   
  13. एचआईवी ग्रस्त पेशंट में, कैंसर चिकित्सा के दौरान, ऑर्गन ट्रांसप्लांट चिकित्सा में, डायबिटीज आदि में मुंह के छालों का होना सामान्य बात होती है। 
  14. अगर कोई व्यक्ति किसी कारणवश मलमुत्र बार-बार रोकता है तो मल दोबारा पचने लगता है,जिस वजह से आंतों में सड़न क्रिया होकर छाले होते हैं, जिनका दर्द असहनीय होता है।

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मुंह के छालों के लक्षण क्या हैं ? (Oral Ulcer symptoms in Hindi)

मुंह के छालों के लक्षण इस प्रकार हैं :

  • मुँह में जलन और पीड़ा  
  • खाना चबाने को ब्रश करने में परेशानी 
  • तीखा, खट्टा, ठंडा या गर्म खाने पर दर्द 

आधुनिक विज्ञान के अनुसार इन के लक्षण उनके प्रकार अनुसार अलग-अलग होते हैं।    

  • कैंडिडिआसिस फंगल इंफेक्शन (Fungal Infection) याने यीस्ट की अतिवृद्धि से मुंह या गले में छाले होते हैं। इसमें जीभ पर सफेद छाला होता है साथ में गले में खिचखिच, निगलने में तकलीफ, होटो के किनारों में दरार आदि लक्षण भी हो सकते हैं। इसमें डॉक्टर की सलाह से एंटीफंगल दवाई दी जाती है। 
  • छोटे, मध्य भाग में सफेद या पीले और लाल बॉर्डरयुक्त छालों को कैंकर सोर्स कहा जाता है। यह एक या एक से ज्यादा हो सकते हैं और संक्रामक नहीं होते हैं।    
  • मुंह के बाहर होठों के आजू-बाजू में होने वाले छोटे-छोटे लाल गुछों जैसे फफोलों को कोल्ड सोर्स या फिवर ब्लिस्टर्स कहा जाता है। यह संक्रामक हो सकते हैं। इनके ठीक होने तक इन पर पपड़ी जमी रहती है।   
  • लुकोप्लेकिया जीव्हा पर , गालों के भीतर या मुंह के तल पर होने वाले सफेद या भूरे रंग के पीड़ादायक छालों को लिकोप्लेकिया कहा जाता है,  यह भी संक्रामक होते हैं। इसकी चिकित्सा डॉक्टर की सलाह अनुसार करनी चाहिए। 

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मुंह के छालों का उपचार (Oral Ulcers treatment in Hindi)

कई बार यह छाले अपने आप ठीक हो जाते हैं, चिकित्सा की कोई आवश्यकता नहीं होती है पर किसी बीमारी के वजह से हो तो उसके अनुसार या लक्षणों के आधार पर इसकी चिकित्सा करते हैं, जैसे की कोल्ड सोर्स में हरपीज़ (Herpes) की चिकित्सा की जाती है। 

  • अगर एक हफ्ते से ज्यादा दिनों तक छाले रहे तो डॉक्टर का परामर्श ले। 
  • डॉक्टर जलन और दर्द कम करने के लिए छालो पर लगाने वाली दवाई देते हैं जिसको दिन में तीन से चार बार प्रयोग करना होता है। 
  • इसके अलावा सामान्य छालों में खाने के लिए विटामिन बी काम्प्लेक्स और फोलिक एसिड की गोलियां आमतौर पर दी जाती है। 
  • ज्यादातर छालो की वजह पेट की खराबी, कब्ज या पेट में गर्मी होती है इसलिए हमें अपने आहार में बदलाव लाना जरूरी होता है। 
  • छाले ठीक होने तक अधिक तीखा मसालेदार भोजन, दही, अचार आदि बंद कर देना चाहिए, ऐसे भी इनका सेवन कम करना अच्छा होता है। 
  • पानी अधिक पीना चाहिए। मट्ठे या छाछ का सेवन आहार में अधिक करना चाहिए।
  • गुनगुने नमक के पानी से या मेडिकेटेड माउथ वाश से दिन में चार से पांच बार कुल्ला करना चाहिए । 
  • गरम पानी में नमक डालकर उससे गरारे और कुल्ला करने से छाले की सूजन कम होती है, साथ ही मुंह की सफाई भी होती है। 
  • मुख्य कारण कब्ज होने से सौम्य रेचक जैसे त्रिफला आदी रात में ले सकते हैं। नीम युक्त टूथपेस्ट छाले ठीक करने में मदद कर सकती हैं।
  • तंबाकू का सेवन बंद करे। 
  • हरी सब्जियां और फल अधिक मात्रा में लें। 
  • अपने आहार में हर रोज सीमित मात्रा में ताजे दही का प्रयोग अवश्य करें। ताजे दही में आंतों को लाभकारी जीवाणु रहते हैं जिससे आहार का पाचन सही तरीके से होता है। 

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मुंह के छालें ठीक करने के कुछ घरेलु और आयुर्वेदिक उपाय (Oral ulcer ayurvedic treatment and home remedies in Hindi)

  1. सुबह-सुबह गाय के दूध से बने दही के साथ एक केला खाने से छालों में आराम मिलता है।  
  2. छाले होने पर टमाटर का सेवन अधिक करें।  टमाटर के रस में एक गिलास पानी मिलाकर उससे दिन में चार से पांच बार कुल्ला करने पर छाले मिट जाते हैं।   
  3. पोटैशियम पेरमैग्नेट के घोल से कुल्ला करने पर छाले जल्दी ठीक होते हैं।   
  4. एक चम्मच नारियल के दूध में शहद मिलाकर तीन से चार बार कुल्ला करें।    
  5. धनिया बीज को पानी में उबालें और छानकर इससे पांच से छह बार कुल्ला करने से जलन में राहत मिलती है। 
  6. बेकिंग सोडा पानी के साथ मिलाकर पेस्ट बनाएं और छालों पर लगाएं इससे अम्ल आहार से होनेवाले छाले जल्दी ठीक होने में मदद होते हैं।  
  7. शहद ऐंटि-ऑक्सिडेंट होने के साथ-साथ एंटी माइक्रोबियल भी होता है, इसे रुई के फाहे की मदद से छालों पर दिन में चार या पांच बार लगाए।  
  8. इसके अलावा ग्लिसरीन या विटामिन E का तेल भी लगा सकते हैं।  
  9. एलोवेरा का रस प्राकृतिक एंटीबायोटिक होता है इससे छाले जल्दी भरने में मदद होती है।  
  10. चमेली के पत्तों को पीसकर उसके रस को छालों वाली जगह पर लगाने से छाले जल्दी ठीक होते हैं।  
  11. सौंफ को मुंह में रखकर चबाने से छाले जल्दी ठीक होते हैं। ऐसे भी अगर हम नियमित तौर पर खाने के बाद सौंफ का सेवन करते हैं तो छाले होने की मात्रा कम हो जाती है।  
  12. मुलेठी का काढ़ा बनाकर ठंडा होने के बाद इसे दिन में तीन या चार बार कुल्ला करने से छालों में काफी आराम मिलता है।  
  13. धनिया पत्ती डंडी के साथ 10 मिनट तक कच्चा चबाये।  इसमें फोलिक एसिड,विटामिन बी 1,  बी 2, बी 6 आदि की मात्रा अधिक होती हैं जिससे छालों में और दुर्गंध से भी राहत मिलती है।  
  14. तुलसी को आमतौर पर एंटी वायरल, एंटी बैक्टीरियल, एंटीफंगल कहा जाता है।  पांच से छह पत्ती तुलसी की अच्छे से धोकर चबाइए और ऊपर से थोड़ा पानी पीजिए इसे छालों में जल्दी राहत मिलेगी। 
  15. प्रभावित स्थान पर बर्फ लगाने से कुछ देर के लिए वह सुन्न होगा और जलन और दर्द से राहत मिलेगी। 
  16. इलाइची चूरने में शहद मिलाकर छालों पर लगाकर लार टपकाने से भी छाले जल्दी ठीक होते हैं।
  17. आंवला पाउडर की पेस्ट बनाकर दिन में दो बार छालों पर लगाने से भी आराम मिलता है।

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विशेष सावधानी छाले होने का मुख्य कारण B कॉन्प्लेक्स की कमी,  विटामिन सी तथा आयरन और पोषक पदार्थ की कमी, कब्ज,पेट की गर्मी और तनाव यह होता है।  कोशिश कीजिए कि अपना आहार पोष्टिकता से भरपूर हो। इसमें हरी रेशेदार सब्जिया, विटामिन बी, सी युक्त आहार, पालक, मेथी, बथुआ जैसी हरि पत्तेदार सब्जियां, अंकुरित अनाज, एप्पल, अमरूद , संतरा ,आंवला आदि फल, बंद गोभी के पत्ते, टमाटर, ककड़ी आदि सलाद का प्रयोग अधिक करें। पानी अधिक पिए। नींद पूरी ले, साथ ही तनाव कम से दूर रहे। 

मैं यह पर विशेष धन्यवाद देना चाहूंगा त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ पंकज पटेल जी का जिन्होंने यह महत्वपूर्ण स्वास्थ्य जानकारी हमारे पाठकों के लिए यहाँ पर साझा की हैं। 

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1 thought on “मुंह के छाले: आयुर्वेदिक और घरेलु उपाय | Oral Ulcers in Hindi”

  1. बहुत ही simple उपाय आपने बताये है जो हर कोई घर बैठे कर सकता है. एक चीज जो मुझे जाननी है वो ये है की क्या हम नमक घुले हुए पानी से कुल्ला करके भी मुह के छाले ठीक कर सकते है?

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